पीयू सिडिकेट चुनाव पर हाई कोर्ट की रोक
पंजाब यूनिवर्सिटी के पिछले साल हुए सीनेट के चुनाव के बाद फैकल्टी चुनाव के विजयी 14 सीनेटरों की नोटिफिकेशन न किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी सिडिकेट के चुनाव पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।
राज्य ब्यूरो, चंड़ीगढ़
पंजाब यूनिवर्सिटी के पिछले साल हुए सीनेट के चुनाव के बाद फैकल्टी चुनाव के विजयी 14 सीनेटरों की नोटिफिकेशन न किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी सिडिकेट के चुनाव पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। मामले में यूनिवर्सिटी सहित केंद्र सरकार और अन्य प्रतिवादी पक्षों को 28 फरवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
जस्टिस राजबीर सेहरावत ने यह आदेश 10 सीनेटरों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए है। याचिका में इन सीनेटरों ने बताया है कि पहले ही हाई कोर्ट के आदेश पर पिछले साल सीनेट के चुनाव हो पाए थे। इन चुनावों के बाद नतीजे घोषित हो चुके हैं और यूनिवर्सिटी ने 20 दिसंबर को चुने हुए सिर्फ 35 सीनेटरों की ही नोटिफिकेशन की गई। जबकि 14 चुने हुए सीनेटरों की नोटिफिकेशन नहीं की गई थी। अभी भी छह फैकल्टी सदस्य और एक आर्ट्स कालेज चुनाव क्षेत्र की सीटों पर जीते उम्मीदवारों की नोटिफिकेशन चांसलर के पास लटकी हुई है। यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार ने सीनेट की आठ जनवरी को बैठक भी बुला ली, जिसमे सिडिकेट के चुनाव कराने को लेकर कुलपति को अधिकार दे दिए गए। ऐसे में फेकल्टी से चुने हुए इन सीनेटरों ने उनके विजयी होने की नोटिफिकेशन कर ही सीनेट की बैठक बुलाये जाने की मांग की है।
वीरवार को सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी. और अन्य प्रतिवादी पक्षों ने हाई कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता सीनेटरों के चुनाव के खिलाफ यूनिवर्सिटी के चांसलर के समक्ष याचिकाएं दायर की गई हैं और चांसलर के इन याचिका पर इन सीनेटरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस पर याचिकाकर्ता सीनेटरों ने बताया कि उन्हें नोटिस जरूर जारी किये गए हैं, लेकिन उन्हें इन याचिकाओं की कापी नहीं दी गई है। इस पर हाई कोर्ट ने आदेश दिए कि चांसलर के समक्ष इन सीनेटरों के खिलाफ जो याचिकाएं दायर की गई है उनकी कॉपी एक सप्ताह में इन सिटेनरों को दी जाए। कॉपी मिलने के दस दिनों के भीतर सीनेटर चाहे तो उस पर अपना जवाब दायर कर सकते हैं।
हाईकोर्ट के इस आदेश पर यूनिवर्सिटी की ओर से आश्वासन दिया गया कि अगर यह सीनेटर अपना जवाब दायर कर देते हैं तो चांसलर जवाब दायर होने के दो सप्ताह के भीतर इसका निपटारा कर देंगे। इस पर हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी सिडिकेट के चुनावों पर 28 फरवरी तक रोक लगाते हुए यूनिवर्सिटी सहित अन्य सभी प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दे दिए हैं।