पाक से माल मंगाने वाले आयातकों को बड़ी राहत, ICP अटारी में फंसा माल 7 दिन में जारी करने के आदेश
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय सीमा अटारी पर लगभग छह महीने से फंसे आयातकों के माल को सात दिन में जारी करने के आदेश दिए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़/अमृतसर। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय सीमा अटारी पर लगभग छह महीने से फंसे आयातकों के माल को सात दिन में जारी करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि जो माल कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाने से पहले भारतीय सीमा में आ चुका था उस पर पहले की तरह ही पांच प्रतिशत कस्टम ड्यूटी वसूली जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि भारत सरकार ने पाकिस्तान से आयात कम करने के लिए कस्टम ड्यूटी बढ़ाई है और अधिसूचना जारी की है, लेकिन भारतीय आयातकों को इसकी सजा नहीं दी जा सकती।
पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से आयातित सामान पर कस्टम ड्यूटी पांच से 200 प्रतिशत किए जाने के चलते भारतीय आयातकों का यह सामान अटारी स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) पर फंस गया था। भारत सरकार ने 16 फरवरी को रात लगभग 8.45 बजे ड्यूटी बढ़ाने की अधिसूचना जारी की थी। इससे उन आयातकों का माल चेक पोस्ट पर ही फंस गया था जो पाकिस्तान से माल तो मंगवा चुके थे, लेकिन कस्टम ड्यूटी का भुगतान किया जाना बाकी था। विभाग ने आयातकों से नई दरों के हिसाब से कस्टम ड्यूटी की मांग की तो इसके खिलाफ लगभग 27 याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गईं।
जस्टिस जसवंत सिंह और जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने सभी याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि कस्टम टैरिफ एक्ट, 1975 के तहत आयातित सामान के भारतीय सीमा में प्रवेश के समय देय कस्टम ड्यूटी का भुगतान किया जाना चाहिए। नियमों के तहत आयातित सामान पर आयातकों को माल आयात करने से पहले कस्टम विभाग में बिल ऑफ एंट्री दायर करना होता है। हाईकोर्ट ने इन सभी आयातकों द्वारा 16 फरवरी को बिल ऑफ एंट्री भरे होने और सामान उसी दिन भारतीय सीमा में प्रवेश हो जाने का लाभ दिया।
नीलामी पर लगी थी रोक
गोदामों को खाली करवाने के लिए लैंडपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस माल को नीलाम करने का फैसला किया था जिसके खिलाफ भारतीय आयातक हाईकोर्ट पहुंच गए थे। कोर्ट ने माल की नीलामी पर रोक लगा दी थी।
भारी नुकसान उठाना पड़ा : एमपी सिंह
सीमेंट कारोबारी एमपी सिंह का कहना है कि 15 फरवरी को पाकिस्तान से आयातित सीमेंट की कस्टम ड्यूटी 16 फरवरी की सुबह दस बजे तक दी गई थी। कई आयातकों ने तब के कस्टम रेटों के मुताबिक ड्यूटी भी भर दी, मगर फिर भी माल जारी नहीं किया गया जिससे आयातकों को भारी नुकसान हुआ है।
आयातकों में हित में अच्छा फैसला : अनिल
आल इंडिया ड्राईडेट एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रधान अनिल मेहरा ने इसे आयातकों के हित में अच्छा फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि आयातकों के लिए देश की सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन सरकार को भी उनके नफे-नुकसान का ध्यान रखना चाहिए। इसे लेकर वे केंद्रीय राज्य मंत्री हरदीप ङ्क्षसह पुरी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मिल चुके थे।
यह है पाक से आयातित सामान
70 हजार से ज्यादा सीमेंट की बोरियां, बड़ी मात्रा में जिप्सम, छुआरा और पूराने टायर ट्यूब स्क्रेप सहित कुछ अन्य सामान डंप पड़ा है। लैंडपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी सुखदेव ङ्क्षसह ने बताया कि जब अदालत के आदेशों की कॉपी उन्हें मिलेगी तो वे माल को रिलीज कर देंगे।
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