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बेटी की हत्या के मामले में बीबी जागीर कौर को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने किया अारोपमुक्‍त

18 साल पहले बेटी की हत्‍या कराने के आरोप के मामले में एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जागीर काैर को बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने उनको इस मामले से पूरी तरह बरी कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 09:25 AM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 09:03 PM (IST)
बेटी की हत्या के मामले में बीबी जागीर कौर को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने किया अारोपमुक्‍त
बेटी की हत्या के मामले में बीबी जागीर कौर को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने किया अारोपमुक्‍त

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब की पूर्व मंत्री और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर को अपनी बेटी की हत्या के मामले में बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में फैसला सुनाया और उनको दोषमुक्‍त कर दिया। अदालत ने उनको सीबीआइ अदालत द्वारा सुनाई गई पांच साल की कैद की सजा भी खारिज कर दी।

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जागीर कौर की बेटी हरप्रीत कौर की 20 जून, 2000 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। इसके बाद जागीर कौर पर बेटी का अपहरण के बाद जबरन गर्भपात कराने अौर हत्‍या का आरोप लगाया गया था। सीबीआइ की अदालत ने बीबी जागीर कौर को हत्या के आरोप से दोषमुक्त कर दिया था और उन्हें सिर्फ अपहरण और जबरन गर्भपात का दोषी ठहराया था। सीबीआइ अदालत ने उनको पांच साल कैद की सजा सुनाई थी। बाद में मामला हाई कोर्ट पहुंचा था।

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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर अपील में जागीर कौर की बेटी हरप्रीत का पति होने का दावा करने वाले कमलजीत ने जागीर कौर को हत्‍या के आरोप से बरी करने के सीबीआइ अदालत के फैसले को खारिज करने की मांग की थी। बाद में सीबीआइ ने भी विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी थी।  दायर अपीलों पर 26 अक्टूबर को हाईकोर्ट के जस्टिस ए बी चौधरी और जस्टिस कुलदीप सिंह ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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गुपचुप संस्कार के बाद विवादों में आया था मामला

बीबी जागीर कौर की बेटी हरप्रीत कौर की मौत 20 अप्रैल 2000 को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। हरप्रीत की मौत के समय वह गर्भवती थी। मौत के बाद गुप-चुप तरीके से उसका अंतिम संस्कार करवाए जाने के बाद यह मामला विवादों में आया था।

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पति की शिकायत पर सीबीआइ को सौंपी गई थी जांच

हरप्रीत का पति का दावा करने वाले कमलजीत की शिकायत पर पंजाब पुलिस की तरफ से जांच न किए जाने पर यह मामला अदालत पहुंचा था। 9 जून 2000 को अदालत ने इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। सीबीआइ ने इस मामले में 3 अक्टूबर 2000 को बीबी जागीर कौर के खिलाफ भादंसं की धारा 302, 304, 313, 201 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था।

पटियाला स्थित सीबीआइ विशेष अदालत ने इस मामले में 30 मार्च, 2012 को बीबी जागीर कौर को हरप्रीत का जबरन गर्भपात करवाने व बंधक बनाकर रखने के मामले में दोषी ठहराते हुए पांच वर्ष की कैद की सजा सुनाई थी पर हत्या का दोषी नहीं ठहराया था।

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