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CRPF के ASI के चंडीगढ़ तबादले पर हाई कोर्ट की टिप्पणी, रक्षाकर्मी देश के लिए प्रिय, जानें क्या है मामला

सीआरपीएफ के एक एएसआइ के चंडीगढ़ ट्रांसफर के लिए अपनाई गई नीति की पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सराहना की है। दरअसल एएसआइ की पत्नी गंभीर बीमार है और उसका चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है ।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 03:19 PM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 03:19 PM (IST)
CRPF के ASI के चंडीगढ़ तबादले पर हाई कोर्ट की टिप्पणी, रक्षाकर्मी देश के लिए प्रिय, जानें क्या है मामला
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central reserve police force CRPF) अधिकारियों द्वारा अपने एक ASI की नक्सली क्षेत्र से चंडीगढ़ स्थानांतरित करने के लिए अपनाई गई तेज प्रकिया पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने CRPF की सराहना की है। CRPF ने स्थानांतरित के लिए तेज प्रकिया इसलिए अपनाई ताकि उसकी गंभीर बीमार पत्नी का सही मिल सके।

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हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की इस कार्यप्रणाली दर्शाती है कि फोर्स को अपने लोगों की चिंता है। हाई कोर्ट ने कहा कि रक्षा कर्मी देश के लिए प्रिय हैं और मानव संसाधन एक राष्ट्र की वास्तविक संपत्ति हैं। इस मामले में महानिरीक्षक, CRPF, उत्तर-पश्चिम क्षेत्र ने प्रदर्शित किया है कि उन्हें अपने जवानों की चिंता है।

हाई कोर्ट के जस्टिस जसवंत सिंह व जस्टिस संत प्रकाश की खंडपीठ ने महानिरीक्षक, CRPF, उत्तर-पश्चिम क्षेत्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसने अपने जरूरतमंद कर्मचारी के हित के लिए जो तेजी दिखाई वह वाकई में प्रशंसनीय और सराहनीय है।

मामले में याचिकाकर्ता, जो CRPF चंडीगढ़ में सेवारत ASI है, ने 51 बटालियन CRPF से 217 बटालियन CRPF में स्थानांतरित करने के आदेश को रद करने की मांग की थी। 217 बटालियन CRPF को एंटी नक्सली ऑपरेशन में तैनात किया गया था। ASI की दलील थी कि उसकी पत्नी एक पुरानी जटिल बीमारी ’से पीड़ित हैं, जिसका नाम है इम्यून थेम्पोसाइफरीन जिसका पीजीआइ चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है। इस बीमारी में रक्त प्लेटलेट काउंट शून्य से भी अधिक गंभीर स्तर पर आ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप उसकी पत्नी के आंख, कान, नाक से खून निकलता है।

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हाई कोर्ट की एकल बेंच ने स्थानांतरण के खिलाफ दायर खारिज कर दी गई थी, जिसके बाद उसने डिविजन बेंच में अपील दायर की थी। अपील पर डिवीजन बेंच ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी थी। 27 जनवरी, 2020 को मामले की सुनवाई के दौरान, CRPF ने माना कि ASI की पत्नी को जीवन को खतरा है और उसे लगातार देखभाल की आवश्यकता है । हाई कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि उसकी पत्नी के चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति CRPF द्वारा की जा रही है।

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इस पर, हाई कोर्ट ने महानिरीक्षक, CRPF, उत्तर-पश्चिम क्षेत्र से अपील की कि वह ASI को चंडीगढ़ के आस पास के स्थान पर स्थानांतरित करें और पोस्ट करें, ताकि उसकी पत्नी का सही इलाज हो सके और उसे समय पर प्रतिपूर्ति की सुविधा प्रदान की जा सके। पिछले दिनों जब मामला सुनवाई पर आया तो कोर्ट को जानकारी दी गई कि ASI को को 13-बटालियन में तैनात किया गया है, जो कि निकटवर्ती क्षेत्र में तैनात है, जिससे वह अपनी बीमार पत्नी के इलाज के लिए पीजीआइ में साथ रह सके।

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इसके अलावा किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के मामले में उसके द्वारा भी चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल की जल्द कर दिए जाएंगे। हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि हम CRPF अधिकारियों की सराहना करते है व हम आशा करते हैं कि नई बटालियन के अधिकारी भी याची के हालात देखकर उसका सहयोग करेंगे। 


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