हाईकोर्ट ने GMCH-32 में MBBS के लिए बदले नियम, लोकल छात्रों को मिलेगा ये लाभ Chandigarh news
जीएमसीएच में एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए बनाए गए स्टेट कोटे में अब शहर के किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से 10वीं 11 और 12 पास आवेदक को ही दाखिला दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर-32 के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए बनाए गए स्टेट कोटे में अब शहर के किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से 10वीं, 11 और 12 पास आवेदक को ही दाखिला दिया जाएगा। इस बारे में हाईकोर्ट ने वीरवार को आदेश दे दिए हैं। साथ ही जीएमसीएच के स्टेट कोटे में दाखिले के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने सिर्फ 12 पास आवेदकों को ही दाखिला दिए जाने का जो नियम बनाया था, उसे हाईकोर्ट ने रद कर दिया है।
जस्टिस दया चौधरी एवं जस्टिस सुधीर मित्तल की खंडपीठ ने यह आदेश स्टेट कोटे के तहत शहर के किसी भी स्कूल से सिर्फ 12 पास आवेदकों को दाखिला दिए जाने का जो नियम बनाया था, उसके खिलाफ कई आवेदकों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिए हैं । दायर याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया था कि चंडीगढ़ प्रशासन ने जीएमसीएच के एमबीबीएस कोटे के स्टेट कोटे में सिर्फ शहर के मान्यता प्राप्त स्कूलों से जिस आवेदक ने 12वीं पास की है, उसे दाखिला दिए जाने का नियम बनाया है जोकि पूरी तरह से गलत है। क्योंकि इस नियम के तहत वह आवेदक भी इस कोटे के तहत दाखिला ले लेंगे जिन्होंने अन्य किसी भी राज्य से ग्यारहवीं तक शिक्षा ली है और बारहवीं चंडीगढ़ में आकर कर ली है।
शहर के रेगुलर स्टूडेंट्स को करना पड़ रहा था बाहरी से मुकाबला
याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिस छात्र ने अपनी पूरी शिक्षा ही शहर के स्कूलों से ली है, उनके साथ ही अब बाहरी राज्यों के आवेदक भी इस कोटे में दाखिला ले लेंगे जिससे शहर के स्कूलों में वर्षों से पढ़ाई करने के बाद भी उन्हें बाहरी छात्रों से मुकाबला करना पड़ेगा जोकि पूरी तरह से गलत है। इस तरह स्टेट कोटे का क्या अर्थ रह जाएगा जब शहर में सिर्फ एक क्लास पास कर कोई भी आवेदक इस कोटे में दाखिले का अधिकारी बन सकता है। हाईकोर्ट को बताया गया कि वर्ष 1992-93 में जब जीएमसीएच. बना था तब शहर के स्कूल से दसवीं, 11वीं और 12वीं करने वाले आवेदकों ही स्टेट कोटे में दाखिला दिया जाता था। बाद में इस नियम में ढील देते हुए इसमें सिर्फ 11वीं और 12वीं कर दिया गया, इसके बाद सिर्फ 12वीं का ही प्रावधान बना दिया गया।
हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद भी प्रशासन ने क्यों बनाए पुराने नियम
गत वर्ष भी प्रशासन ने यही नियम बनाए थे तब हाईकोर्ट ने प्रशासन के इस नियम को रद करते हुए उसे स्टेट कोटे के नियम और बेहतर बनाए जाने के आदेश दिए थे। इन आदेशों के बावजूद प्रशासन ने गत वर्ष फिर वही पुराना नियम लागू कर दिया। जिसे दोबारा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है। अब हाईकोर्ट ने प्रशासन के शहर के स्कूल से सिर्फ 12वीं पास होने की शर्त को सिरे से रद करते हुए सिर्फ उन आवेदकों को स्टेट कोटे में दाखिले की इजाजत दी है जिन्होंने शहर के स्कूल से 10वीं, 11वीं और 12वीं की हो।