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जीएमसीएच-32 में MBBS के लिए बनाए गए स्टेट कोटे को HC ने किया रद, बताया अवैध Chandigarh News

जस्टिस दया चौधरी एवं जस्टिस सुधीर मित्तल की खंडपीठ ने सोमवार को जीएमसीएच सेक्टर-32 के एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए बनाये गए स्टेट कोटे को रद कर दिया।

By Sat PaulEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 12:12 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 12:12 PM (IST)
जीएमसीएच-32 में MBBS के लिए बनाए गए स्टेट कोटे को HC ने किया रद, बताया अवैध Chandigarh News
जीएमसीएच-32 में MBBS के लिए बनाए गए स्टेट कोटे को HC ने किया रद, बताया अवैध Chandigarh News

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा से डेपुटेशन पर आए अधिकारियों के बच्चे भी एमबीबीएस कर सकें, इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज जीएमसीएच-32 में शहर के स्कूलों से सिर्फ 12वीं पास करने वाले छात्रों को भी एमबीबीएस में दाखिला देने का नियम बनाया था, जो पूरी तरह से अवैध और अन्याय पूर्ण है। इस नियम से शहर के वास्तविक निवासियों से अन्याय हुआ है, लेकिन हाई कोर्ट शहर के निवासियों और उनके बच्चों के साथ यह नाइंसाफी नहीं होने देगा। जस्टिस दया चौधरी एवं जस्टिस सुधीर मित्तल की खंडपीठ ने सोमवार को जीएमसीएच सेक्टर-32 के एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए बनाये गए स्टेट कोटे को रद कर दिया। साथ ही चार जुलाई को सुनाए अपने फैसले को जारी करते हुए यह टिप्पणी की।

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हाईकोर्ट ने कहा कि स्टेट कोटे के तहत शहर में एक लंबे समय से अपनी शिक्षा ले रहे छात्रों का पहला अधिकार है। इसे छनने की चंडीगढ़ प्रशासन ने कोशिश की है, क्योंकि प्रशासन के अधिकारी पंजाब और हरियाणा से डेपुटेशन पर आते हैं और उनके बच्चे भी शहर के एकमात्र मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर सकें, इसके लिए प्रशासन ने समय-समय पर नियमों में ढील दी और शहर में दसवीं, ग्याहरवीं और बाहरवीं करने वाले छात्रों को इस कोटे में उन छात्रों से प्रतियोगिता करने पर मजबूर किया गया, जिन्होंने शहर में महज एक साल लगाकर बाहरवीं कर ली और इस कोटे में दाखिले के अधिकारी बन गए।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि वर्ष 1992-93 में जब जीएमसीएच बना था तब शहर के स्कूल से दसवीं, 11वीं और बाहरवीं करने वाले आवेदकों को ही स्टेट कोटे में दाखिला दिया जाता था। बाद में इस नियम में ढील देते हुए इसमें सिर्फ 11वीं और 12वीं कर दिया गया, इसके बाद सिर्फ 12वीं का ही प्रावधान बना दिया गया। यह सब बाहरी आवेदकों को फायदा पहुंचने के लिए ही किया गया। प्रशासन के इस नियम से उन छात्रों का हित बुरी तरह से प्रभावित हुआ जो शुरू से ही शहर के स्कूलों में पढ़ते रहे हैं और यहीं से अपनी पूरी शिक्षा ली है और जो शहर के वास्तविक निवासी है।

शहर के मान्यता प्राप्त स्कूल के सामान्य छात्रों को दो मौका

हाई कोर्ट ने अब अपना फैसला सुनाते हुए चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिए हैं कि वह स्टेट कोटे के तहत  अब शहर के किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से 10 वीं, +1 और +2 पास आवेदक को ही दाखिला देंगे और साथ ही जीएमसीएच के स्टेट कोटे में दाखिले के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने सिर्फ +2 पास आवेदकों को ही दाखिला दिए जाने का जो नियम बनाया था, उसे हाईकोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है।

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