इनके पास नहीं डॉक्टरी की डिग्री, फिर भी हर बीमारी का करते हैं इलाज
जीरकपुर के करीब हर गांव में झोलाछाप डॉक्टरों के दर्जनों क्लीनिक खुले हुए हैं। इनके पास कोई डिग्री नहीं है, फिर भी ये हर बीमारी का इलाज करते हैं।
[बलविंदर विक्की भबात, जीरकपुर] जीरकपुर क्षेत्र में झोलाछाप और तंबूछाप डॉक्टरों की भरमार होने के कारण मरीजों के लिए अति दुविधा वाली स्थिति बनी हुई है। सेहत विभाग भी इन पर कार्रवाई करने में लाचार नजर आ रहा है। बिना डिग्री और अनुभव के ये लोग हर बीमारी का इलाज करने का दावा करते हैं। तंबूछाप डॉक्टर तो बाकायदा लाउडस्पीकर से हर बीमारी का तोड़ निकालने का दावा करते नजर आते हैं। शहर में इनके हर गली, गांव व वार्ड में क्लीनिक देखे जा सकते हैं। जहां पर ये मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। वहीं, कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर ढकोली या सरकारी अस्पताल डेराबस्सी में इनका कोई लेखाजोखा नहीं है।
हर गांव में इस तरह के कई डॉक्टर
जीरकपुर के करीब हर गांव में झोलाछाप डॉक्टरों के दर्जनों क्लीनिक खुले हुए हैं। जीरकपुर में 17 गांव हैं, जिनमें सबसे बड़ा गांव भबात है, जिसमें 18 क्लीनिक हैं, जिनमें से कुछ के पास लाइसेंस है, लेकिन ज्यादातर बिना लाइसेंस के ही बैठे हैं। गांव दयालपुरा में 8 डॉक्टरों ने क्लीनिक खोले हुए हैं। इसी तरह बलटाना, ढकौली, नाभा साहिब, पीरमुछल्ला, गालीपुर, बिशनपुरा, छत, रामपुरा, सताबगढ़, नगला, सनौली, भुड़ा, किशनपुरा आदि गांव हैं, जहां पर हर गांव में इन डॉक्टरों ने क्लीनिक खोले हुए हैं। क्लीनिक भी इतने हैं कि अगर गिनती की जाए तो सैकड़ों के हिसाब से यह अनाधिकारित क्लीनिक हो सकते हैं। जीरकपुर के करीब हर वार्ड में और अधिक आबादी वाले गांवों में झोलाछाप डॉक्टर्स के क्लीनिक धड़ल्ले से चल रहे हैं।
हम कार्रवाई करेंगे : रीटा
इनका संचालन करने वाले अधिकतर तथाकथित डॉक्टर्स के पास डिग्री भी नहीं हैं। इसके बावजूद ये मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इन डॉक्टर्स की ओर से लोगों को खांसी, जुखाम से लेकर मलेरिया, डेंगू का इलाज कर रहे हैं। सिविल सर्जन रीटा भारद्वाज का कहना है कि हम कार्रवाई करेंगे।