श्री हरिमंदिर साहिब को विदेशी दान लेने की अनुमति पर बोलीं हरसिमरत- मोदी-शाह ने सिख भावनाओं को समझा
श्री हरिमंदिर साहिब में लंगर के लिए विदेश चंदा लेने की अनुमति देने पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पीएम मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि एनडीए सरकार ने श्री हरिमंदिर साहिब को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत विदेशी दान प्राप्त करने की अनुमति देकर सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रशंसनीय कदम से संगत दुनियाभर से सेवा (दसवंध) कर सकेगी और बड़े पैमाने पर समाज की सेवा के लिए श्री हरिमंदिर साहिब को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
हरसिमरत ने कहा 'मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह को इस कार्य के लिए धन्यवाद देती हूं जो दुनिया भर में सिख समुदाय की सेवा की उत्कृष्ट भावना का भी प्रदर्शित करेगा।' वहीं, सिख समुदाय को बधाई देते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील की कि 2017 से पंजाब सरकार के पास जीएसटी रिफंड के श्री दरबार साहिब के 3.2 करोड़ रुपये लंबित हैैं, इस राशि को जारी किया जाए। केंद्र सरकार समय-समय पर लंगर की जीएसटी पर अपना हिस्सा वापस कर रही है, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक जीएसटी के अपने हिस्से की लंबित बकाया राशि को मंजूरी नही दी है।
विदेश से दान भेजने की सुविधा प्रशंसनीय : लोंगोवाल
केंद्र सरकार की ओर से विदेश में बैठी संगत को श्री हरिमंदिर साहिब में लंगर व अन्य सेवाओं के लिए दान देने की इजाजत देने का शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने स्वागत किया है। एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इसके लिए आभार जताया है। उन्होंने कहा कि विदेशी संगत की लंबे समय से मांग थी कि उन्हें श्री हरिमंदिर साहिब के लिए राशि भेजने की इजाजत मिले। उन्होंने कहा कि धन राशि भेजने के लिए बैक खातों की सारी जानकारी एसजीपीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि कोरोना के चलते बंद किया गया श्री करतारपुर साहिब का रास्ता दोबारा संगत के लिए खोला जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पहले ही पाकिस्तान सरकार घोषणा कर चुकी है। भारत सरकार को भी इस संबंधी जल्दी फैसला लेना चाहिए। इस मौके एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रङ्क्षजदर सिंह मेहता, मंजीत सिंह, सचिव महिंदर सिंह आहली, अतिरिक्त सचिव सुखदेव सिंह भूरा कोहना, प्रवक्ता कुलविंदर सिंह रमदास, सकत्तर सिंह और सिमरजीत सिंह कंग मौजूद थे।