कोरोना से रद हुई छुट्टियां पर खुशी है हम बचा रहे किसी का जीवन
कोरोना महामारी खतरनाक है इसने मेडिकल लाइन से जुड़े स्टाफ की हर छुट्टी और त्यौहार को खत्म कर दिया है लेकिन हमें खुशी है कि हमारे प्रयास से किसी की जिदंगी बच रही है।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़
कोरोना महामारी खतरनाक है, इसने मेडिकल लाइन से जुड़े स्टाफ की हर छुट्टी और त्यौहार को खत्म कर दिया है, लेकिन हमें खुशी है कि हमारे प्रयास से किसी की जिदंगी बच रही है। यह कहना है जीएमएसएच-16 में स्टाफ नर्स विनीता रावत का। विनीता ने बताया कि मेरी ड्यूटी ऑपरेशन थिएटर में है। जब से कोरोना की शुरुआत हुई है, मैं हर छुट्टी और त्यौहार को भूलकर ड्यूटी कर रही हूं। जो ड्यूटी मैं पहले आठ घंटे की देती थी, वह अब 12 से 14 घंटे की रूटीन बन चुकी है। राहत की बात है कि हमारी कोशिश से लोग ठीक होकर घर जा रहे हैं। आपरेट हो रहे मरीज का पता नहीं कि वह पॉजिटिव हैं या नेगेटिव
विनीता ने बताया कि जब भी कोई व्यक्ति हमारे पास आपातकाल में आता है, तो हम उसकी मुख्य परेशानी देखकर उसके ऑपरेशन की शुरुआत कर देते हैं। उस समय कोरोना का टेस्ट भी होता है, लेकिन जब तक उसकी रिपोर्ट आती है तब तक मरीज का ऑपरेशन कर चुके होते हैं, जिसके बाद परेशानी बढ़ जाती है, लेकिन फर्ज के आगे डर की कोई अहमियत नहीं है। पॉजिटिव हुई तो भी आराम के लिए नहीं माना दिल
विनीता ने बताया कि नवंबर 2020 में कोरोना पॉजिटिव आ गई। जिस समय कोरोना की शुरुआत हुई तो लगा कि 14 दिनों के बाद टेस्ट करवाकर मैं काम पर लौट जाऊंगी। काम पर जाने के लिए उत्सुक थी कि उसी समय पता चला कि मेरे पति को भी कोरोना हो गया है, जिस कारण एक माह तक घर में रहना पड़ गया। जब खुद पॉजिटिव हुई तो उस समय मानसिक स्थिति ठीक रही, लेकिन जब पति पॉजिटिव आए तो मानसिक प्रेशर बढ़ना शुरू हो गया था। उन्हें देखकर लगता कि अस्पताल में मरीज इससे भी बुरी स्थिति में होते हैं। कई बार मुझे ऑपरेशन से पहले दूसरे स्टाफ की कॉल भी आती, तो दिल करता कि सब कुछ छोड़कर काम पर चली जाऊं लेकिन मजबूर थी।