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मुस्कुराहटों के साथ शुरू हुआ गुलदाउदी शो

फूल हमारे दोस्त होते हैं। ये जन्म से मृत्यु तक इंसान का साथ देते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 08:52 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 08:52 PM (IST)
मुस्कुराहटों के साथ शुरू हुआ गुलदाउदी शो
मुस्कुराहटों के साथ शुरू हुआ गुलदाउदी शो

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : फूल हमारे दोस्त होते हैं। ये जन्म से मृत्यु तक इंसान का साथ देते हैं। कीचड़ से लेकर कमल तक। ये हर कहीं खिलते हैं। ऐसे में हमें इनसे काफी कुछ सीखना चाहिए। चंडीगढ़ ही वह शहर हो सकता है, जहां फूलों का खास त्योहार मनाया जाता है। मैं यहां आकर काफी खुश हूं। अपनी मुस्कुराहट लिए एडवाइजर मनोज कुमार परिदा ने शुक्रवार को टेरेस गार्डन-33 में गुलदाउदी शो का शुभारंभ किया। शो में मेयर राजेश कालिया, एमसी कमिश्नर केके यादव, पार्षद राजबाला मलिक, पार्षद गुरबख्श रावत, हीरा नेगी और रविदर कौर भी शामिल हुए। कार्यक्रम का आगाज शहीदी मीनार पर श्रद्धांजलि से हुआ। जिसमें एडवाइजर ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद गुरुकुल विद्यालय-29 के स्टूडेंट्स ने लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। 269 किस्म के गुलदाउदी हुए प्रदर्शित

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इस बार शो में गुलदाउदी की 269 किस्में डिस्प्ले की हैं। इस बार एक नई किस्म न्यू स्वीट जुबली को भी डिस्प्ले किया गया है। गुलदाउदी शो के इंचार्ज मदन गोपाल राणा ने बताया कि गुलदाउदी शो में कोका सूजन, स्नो बॉल, चंद्रमा, सन, गोल्डन जुबली, सिल्वर जुबली, राजा, कवर गर्ल, सोनार बंगला, कासा गरंडा, सिल्क वरोकल, ड्रीम कैस्टल सहित खास किस्में देखने को मिलेंगी। शहरवासियों के लिए लगाए गए खास स्टैच्यू

शो में इस बार शहरवासियों के लिए स्पाइडर मैन से लेकर लायन जैसे आकर्षक स्टैचू भी लगाए गए। जिसमें लोगों ने सेल्फी ली। पार्षद राजबाला मलिक और गुरबख्श रावत ने लोगों के साथ सेल्फी भी ली। गुरबख्श रावत ने कहा कि सर्दियों में ऐसे शो बेहद खुशी देते हैं। सर्दियों का मजा इन शो के बगैर फीका सा है। ऐसे में इस तरह के शो में मैं परिवार समेत जरूर आती हूं। पार्षद राजबाला मलिक ने कहा कि शहरवासियों को एक साथ ऐसे फेस्टिवल में देखना सुखद है। हमारा शहर इस तरह के फेस्टिवल से कुदरत के करीब आता है और इन फूलों और हरियाली की कीमत समझता है। 35 वर्षो से कर रहा हूं इस गार्डन की सेवा

गार्डन के हेड माली गुरदास सिंह ने कहा कि पिछले 35 वर्षो से यहां काम कर रहा हूं। यहां के एक-एक फूल के बारे में जानता हूं। यहां कितने ही लोग आते हैं। अब तो कोई भी फूल का नाम लो तो उसकी जलवायु से लेकर उसके बारे में सभी चीजें बता सकता हूं। इस बार करीब 25 माली इन फूलों की देखरेख कर रहे हैं। बोले कि यहां दक्षिण भारत के कई माली काम करते हैं।


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