Agriculture Bill 2020 Protest: पहली बार केंद्रीय कानून के विरोध में पजाब की ग्राम सभा ने पारित किया प्रस्ताव
पंजाब मे केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन सबके बीच पंजाब की एक ग्रामसभा ने इनके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। यह पहली बार है कि केंद्रीय कानून के खिलाफ किसी ग्राम सभा ने प्रस्ताव पारित किया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में खेती कानूनों को लेकर हो रहा विरोध अब ग्राम सभाओं तक पहुंच गया है। यानी अब केवल किसान ही नहीं बल्कि गांव के अन्य लोग भी इस विरोध में भागीदारी कर रहा है। मानसा के गांव झंडा खुर्द की ग्राम सभा ने इसकी शुरूआत कर दी है। उन्होंने इन तीनों खेती विधेयकों के विरोध में प्रस्ताव पारित कर दिया है। झंडा खुर्द की तरह अब राज्य के कई और गांवों में यह बात फैल गई है और सभी पंचायतें अपने-अपने स्तर पर ग्राम सभा बुलाने और इन विधेयकों के खिलाफ प्रस्ताव करने शुरू कर दिए हैं। संगरूर से सांसद भगवंत मान ने भी प्रदेश के सभी गांवों से कहा है कि वे अपनी ग्राम सभाएं बुलाएं हैं और उसमें इन विधेयकों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करें।
जिन पर कानून का असर पड़ता है उनकी राय भी जरूरी : जखेपल
पिछले कई वर्षों से ग्राम सभाओं को मजबूत करने और इसे पारदर्शी ढंग से लागू करने के लिए ' पिंड बचाओ, पंजाब बचाओ' संस्था काम कर रही है। इसके नेता करनैल सिंह जखेपल ने बताया कि कानून बनाने का अधिकार तो केवल संसद और विधानसभा के पास ही है लेकिन चूंकि ये कानून लागू आम लोगों पर होने होते हैं इसलिए इन कानूनों के बारे में आम लोगों की क्या राय है इसका पता तब चलता जब हर गांव अपनी ग्राम सभा बुलाकर इसके पक्ष या विरोध में प्रस्ताव पारित करता है।
कहा- ग्राम पंचायतों को अपनी राय रखने का हक
उन्होंने बताया कि जिस तरह इन कानूनों के खिलाफ पंजाब विधानसभा ने पिछले महीने प्रस्ताव पारित किया था, ठीक उसी तरह ग्राम सभा भी प्रस्ताव पारित करके अपनी राय व्यक्त कर सकती हैं। इसका लाभ यह होगा कि किसान आंदोलन, जन आंदोलन में तब्दील हो जाएगा। किसी अदालती केस में ग्राम सभाओं के प्रस्ताव का वजन लोगों के पक्ष में रहेगा। उन्होंने बताया कि ऐसा करने से पंजाब के लोगों को ग्राम सभा की ताकत का अंदाजा होगा और गांव के लोग गांव स्तर पर फैसले लेने में समर्थ होंगे। अफसरशाही का दबदबा कम होगा। गांव में धड़ेबंदी से ऊपर उठकर लोग अपने हित के फैसले खुद कर सकेंगे।
सरकार के पास कोर्ट जाने का विकल्प : मनप्रीत बादल
उधर, वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने भी कहा है कि सरकार के पास इन विधेयकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प खुला है। सरकार इस बारे में गंभीरता से सोच रही है और एक दो दिनों में ही कोई कानूनी माहिरों की राय लेकर कोई फैसला किया जाएगा।