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पंचकूला,बरवाला और रायपुररानी के पोल्ट्री फार्म में मारी गई मुर्गियों का सरकार देगी मुआवजा

एसोसिएशन ने अपनी याचिका में आर्थिक नुकसान का हवाला देते हुए सरकार से मुआवजे की मांग की थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 06:01 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 06:01 AM (IST)
पंचकूला,बरवाला और रायपुररानी के पोल्ट्री फार्म में मारी गई मुर्गियों का सरकार देगी मुआवजा
पंचकूला,बरवाला और रायपुररानी के पोल्ट्री फार्म में मारी गई मुर्गियों का सरकार देगी मुआवजा

राज्य ब्यूरो, चंड़ीगढ़ : पंचकूला, बरवाला और रायपुर रानी स्थित पोल्ट्री फार्म को अलर्ट जोन के दायरे में मानते हुए एवियन इनफ्लूएंजा को नियंत्रित करने के लिए मुर्गियों के मारे जाने के मामले में हरियाणा सरकार अब फार्म मालिकों को मुआवजा देगी। सरकार ने यह बात हरियाणा पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन की याचिका का पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में मंगलवार को दाखिल जवाब में कही है। एसोसिएशन ने अपनी याचिका में आर्थिक नुकसान का हवाला देते हुए सरकार से मुआवजे की मांग की थी।

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हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि पोल्टी फार्म की संक्रमित वस्तुओं को सेनिटाइज कर उसके बाद एक सप्ताह में उन्हें हुए नुकसान का मुआवजा दे दिया जाएगा। इस जवाब को जस्टिस महावीर सिधु ने रिकॉर्ड पर लेते हुए चार सप्ताह में इस पर कार्रवाई कर रिपोर्ट 22 अप्रैल को केस कीअगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश किए जाने के आदेश दे दिए हैं। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा है कि जब दोनों पक्ष इस पर सहमत हैं कि पोल्ट्री फार्म की संक्रमित वस्तुओं को सेनिटाइज कर उसका सेनिटाइजेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा और उसके बाद नुकसान का मुआवजा भी दे दिया जाएगा तो इस पर चार सप्ताह में कार्रवाई की जाए।

बता दें कि हरियाणा पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष दर्शन सिंह और मेसर्स नरिदर पोल्ट्री फार्म ने डिप्टी कमिश्नर (डीसी) पंचकूला द्वारा जारी किए गए 11 जनवरी, 2020 के आदेश को रद करने की मांग की थी, जिसके तहत पंचकूला, बरवाला और रायपुर रानी पोल्ट्री फार्म को अलर्ट जोन के दायरे में मानते हुए एवियन इनफ्लूएंजा को नियंत्रित करने के लिए यहां की सभी मुर्गी मारने के निर्देश दिए गए थे। दायर याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया है कि एक तो बिना जांच किए यहां की मुर्गियों को मारे जाने के आदेश जारी कर दिए गए। दूसरा यह कि उनकी मुर्गियों को मारे जाने के बाद मुआवजा तक नहीं दिया गया।


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