गवर्नर ने मेयर कालिया को कहा : सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करो
सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करने के मामले में गंभीरता जताई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब के गवर्नर एवं प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने भी शहर में सूखे और गीले कचरे का सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करने के मामले में गंभीरता जताई है। प्रशासक ने सोमवार को मेयर राजेश कालिया को फोन करके सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करने के लिए कहा है। जिस पर मेयर ने प्रशासक को आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द इस सिस्टम को शुरू किया जाएगा। वहीं, गवर्नर का फोन आने के बाद मेयर कालिया ने नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा है कि सेग्रीगेशन सिस्टम को शुरू करने के लिए जो गारबेज कलेक्टर और नगर निगम के बीच एमओयू साइन करने का फैसला लिया गया है, उसके अनुसार ड्राफ्ट तैयार किया जाए। मेयर कालिया का कहना है कि एमओयू साइन करवाने से पहले ही रेहड़ियों पर सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा। सदन की बैठक में लिया गया था फैसला
मालूम हो कि पिछले साल 20 दिसंबर को हुई सदन की बैठक में फैसला लिया गया था गारबेज कलेक्टरों की एक बॉडी का गठन करके 31 मार्च से पहले एमओयू साइन कर लिया जाएगा, लेकिन यह डेडलाइन समाप्त हो गई है। फैसले के अनुसार अभी तक गारबेज कलेक्टरों ने ई-रिक्शा भी नहीं खरीदें हैं। मालूम हो कि इस साल स्वच्छता रैंकिग में पिछड़ने का एक बड़ा कारण कचरे का सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू न होना रहा है। चंडीगढ़ की रैंकिग जो तीसरे नंबर पर थी, वह लुढ़ककर 20वें नंबर पर पहुंच गई है। मेयर हमेशा करते हैं गारबेज कलेक्टरों का समर्थन
शहर के गारबेज कलेक्टरों का कालिया हमेशा समर्थन करते हैं। पिछले साल इसलिए ही गारबेज कलेक्टरों को नगर निगम के अंतर्गत शामिल करके यह सिस्टम शुरू नहीं किया जा सका, क्योंकि मेयर कालिया इसके पक्ष में नहीं हैं। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का फोन आने पर मेयर कालिया ने सलाहकार मनोज परिदा के साथ भी मुलाकात की। जुर्माने की कार्रवाई भी होगी शुरू
हाल ही में प्रशासन ने एनजीटी में कहा है कि वह शहर में एक जून से 31 दिसंबर के बीच में सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू कर देंगे। प्रशासन की ओर से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट बायलॉज की अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू न करने वाले कलेक्टर और रेजिडेंट्स पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। नगर निगम कमिश्नर केके यादव का कहना है कि जब सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू होगा, तब जुर्माने की कार्रवाई को शुरू किया जाएगा। सवा दो करोड़ रुपये की राशि बर्बाद कर चुका है एमसी
साल 2016 में शहर में सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू करने के लिए नगर निगम ने एक नीला और एक हरा डस्टबिन हर घर में नि:शुल्क बांटे थे। जिस पर नगर निगम का सवा दो करोड़ की राशि खर्च हुई थी। लेकिन यह राशि बर्बाद हुई है। शहर में सेग्रीगेशन सिस्टम शुरू नहीं हो पाया है। इस राशि पर ऑडिट विभाग आपत्ति भी जता चुका है।