जीरकपुर सीएचसी को अपग्रेड करने की फाइल सरकार ने भेजी वापस, सौ बिस्तरों के अस्पताल का काम अधर में लटका
मोहाली के जीरकपुर में सौ बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण का काम अधर में लटक गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल बनाने को लेकर जो केस तैयार कर सूबा सरकार को भेजा गया था राज्य सरकार ने कुछ आपत्तियां लगा कर इसे वापस भेज दिया है।
मोहाली (जीरकपुर), जेएनएन। जीरकपुर में सौ बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण का काम अधर में लटक गया है। जीरकपुर के कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) को अपग्रेड करके अस्पताल में तबदील करने का ऐलान सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने चुनाव के दौरान किया था। अपग्रेडेशन को लेकर फाइल एक विभाग से दूसरे विभाग में घूम रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल बनाने को लेकर जो केस तैयार कर सूबा सरकार को भेजा गया था वह राज्य सरकार की ओर से कुछ आपत्तियां लगा कर इसे वापस स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया गया है।
सूबा सरकार ने पूछता है कि अस्पताल के निर्माण पर कितना खर्च आएगा? अस्पताल बनने के बाद वहां पर कितना स्टॉफ और डॉक्टर रखने होंगे। कितना खर्च किया जाएगा। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सरकार की ओर से जो सवाल पूछे गए है उनका जल्द जबाब दिया जाएगा। सिविल सर्जन मोहाली डॉक्टर आदर्श पाल कौर ने बताया कि अस्पताल के निर्माण को लेकर अंतिम मुहर सूबा सरकार व वित्त विभाग ने लगानी है। जो आपत्तियां लगाई गई है उनका जबाब दिया जाएगा।
उधर, ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जैक) के प्रतिनिधियों ने हलका विधायक एनके शर्मा से मांग की है कि वह विधानसभा सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाएं। ज्वांइट एक्शन कमेटी के प्रधान सुखदेव चौधरी, महासचिव एडवोकेट विनय कुमार, एडवोकेट इंदर सेठी, आर रविंद्ररन, जीएस चौरसिया, तरसेम गुप्ता, महेश गोयल, बीएस अरोड़ा, राजीव कुमार, देवेंद्र कुमार, रमन खोसला, सुनीता रानी, मुनीष कुमार तथा विमला रानी ने जीरकपुर में अस्पताल निर्माण के नाम शहर वासियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया।
जैक ने कहा कि कांग्रेस के हलका इंचार्ज दीपेंद्र ढिल्लों तथा स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिद्धू ने शहर के हजारों लोगों को गुमराह किया है। बीती तीन जनवरी को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू तथा हलका इंचार्ज दीपेंद्र सिंह ढिल्लों ने सीएचसी को अस्पताल में बदलने का ऐलान किया था। जैक द्वारा यह मुद्दा लंबे समय से उठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तीन जनवरी को लंबे-चौड़े ऐलान किए थे। यह घोषणाएं कागजी साबित हुई हैं। दो माह के भीतर यहां डाक्टरों की तैनाती तो बहुत दूर की बात है सरकार द्वारा सीएचसी का बोर्ड तक नहीं बदला गया है। आज भी यहां सीएचसी ही चल रही है।
ये बोले क्षेत्र के विधायक
वहीं दूसरी ओर जब इस बारे डेराबस्सी के विधायक एनके शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू द्वारा ढकोली में चल रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड कर 50 बिस्तरों का बनाए जाने की घोषणा महज लोगों को भ्रमित कर नगर कौंसिल के चुनाव में लाभ लेना था। जबकि उनके द्वारा इससे पहले डेराबस्सी हलके के गांव दयालपुरा में मेडिकल कॉलेज मंजूर करवाया था। जिसके लिए बकायदा उन्होंने 50 करोड़ भी पास करवाए थे। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री उसे मोहाली ले गए। इसको लेकर उन्होंने विधानसभा में भी सवाल उठाया था। उन्होंने बताया कि ढकोली में बनाया गया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बादल सरकार द्वारा 2015 के आसपास उनकी अगुआई में बनाया गया था।
अभी ये है स्टॉफ
अस्पताल में पांच चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं। जबकि 2 चिकित्सा अधिकारियों के प्रमोशन होने के चलते हैं डॉक्टरों के 2 पद खाली है। उल्लेखनीय है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 2014-15 में बनाया गया था। उस वक्त शहर की आबादी लगभग डेढ़ लाख के आसपास थी लेकिन मौजूदा समय में आबादी 4 लाख के आसपास हो गई है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन पर स्वास्थ्य सेवाओं का भार कई गुना अधिक हो गया है।
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