सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल की डिग्री फर्जी, जानें कैसे हुअा खुलासा Chandigarh News
महिला प्रिंसिपल द्वारा शिक्षा विभाग में अपनी डिग्री का जो वेरीफिकेशन पत्र दिया गया है वह पत्र भी फर्जी है। यह पूरा खुलासा आरटीआइ के तहत ली गई सूचना में हुआ है।
मोहाली, जेएनएन। शहर के एक सरकारी स्कूल में महिला प्रिंसिपल फर्जी डिग्री के आधार पर तैनात चल रही है। मामला विभाग के उच्च अधिकारियों के ध्यान में होने के बावजूद सभी खामोश हैं।जानकारी के मुताबिक परमजीत कौर नाम की महिला शिक्षक एमकॉम की फर्जी डिग्री मग्ध यूनिवर्सिटी से लेकर लेक्चरर भर्ती हुई थीं। जोकि इस समय सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल फेज-11 मोहाली में तैनात है। महिला प्रिंसिपल द्वारा शिक्षा विभाग में अपनी डिग्री का जो वेरीफिकेशन पत्र दिया गया है, वह पत्र भी फर्जी है।
13 अक्टूबर 2017 को किया गया था सस्पेंड
यह पूरा खुलासा आरटीआइ के तहत ली गई सूचना में हुआ है। सेवानिवृत ईटीओ जसविन्द्र सिंह मावी ने बताया कि परमजीत कौर सन 1996 में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मुल्लांपुर गरीबदास में कॉमर्स की लेक्चरर लगी थी। महिला के फर्जी डिग्री के बारे में उन्होंने पूरा मामला 25 जनवरी 2017 को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया था।
मावी ने बताया कि इस संबंधी उन्होंने लिखित तौर पर एक शपथ पत्र भी जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा सेक्रेटरी कृष्ण कुमार को दिया था। जिसके चलते विभाग ने 13 अक्टूबर 2017 को उक्त महिला को सस्पेंड भी कर दिया था। बाद में परमजीत कौर ने 10 नवंबर 2017 को मग्ध यूनिवर्सिटी से एक पत्र लाकर शिक्षा विभाग में पेश कर दिया। जिसमें उसने अपनी डिग्री को सही साबित कर दिया। उसी पत्र को आधार बनाकर शिक्षा विभाग ने 24 नवंबर 2017 को उसे बहाल कर दिया और बाद में उसे पदाेन्नति देकर प्रिंसिपल बना दिया गया।
इस नाम और रोल नंबर वाले स्टूडेंट का यूनिवर्सिटी में नहीं हुआ दाखिला
मावी ने बताया कि आरटीआइ एक्ट के तहत मग्ध यूनिवर्सिटी से सूचना मांगी तो यूनिवर्सिटी ने 20 दिसंबर 2019 को सूचना दी कि यूनिवर्सिटी की ओर से पत्र नंबर 526/17 दिनांक 6-11-2017 जारी ही नहीं किया गया। महिला की डिग्री बारे भी संबंधित कॉलेज ऑफ कॉमर्स पटना द्वारा स्पष्ट लिखा गया है कि इस नाम और रोल नंबर वाले छात्र का एमकॉम में दाखिला कभी हुआ ही नहीं और न ही कोई ऐसा छात्र पास हुआ है। मावी ने बताया कि परमजीत कौर ने बीएड पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से अप्रैल 1989 में की है जबकि मग्ध यूनिवर्सिटी में एमकॉम में दाखिला 1988 में दिखाया गया है।
निजी रंजिश के चलते किया जा रहा परेशान
इस संबंध में संपर्क करने पर परमजीत कौर ने कहा कि यह व्यक्ति उन्हें निजी रंजिश के कारण शिकायतें करके परेशान कर रहा है। विभाग द्वारा उसकी नियुक्ति के समय सभी सर्टिफिकेट्स की वेरीफिकेशन की गई थी। इसके अलावा इन शिकायतों की दो बार विभागीय जांच भी हो चुकी है जिसमें उसके सभी सर्टिफिकेट सही पाए गए हैं।