गवर्नमेंट प्रेस में बनेगा एयर फोर्स म्यूजियम, प्रशासन और एयर फोर्स के बीच एमओयू आज
चंडीगढ़ गवर्नमेंट प्रेस में एयर फोर्स म्यूजियम बनाया जा रहा है। यूटी प्रशासन के प्रस्ताव पर एयर फोर्स पहले ही मंजूरी दे चुकी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ गवर्नमेंट प्रेस में एयर फोर्स म्यूजियम बनाया जा रहा है। यूटी प्रशासन के प्रस्ताव पर एयर फोर्स पहले ही मंजूरी दे चुकी है। अब यूटी प्रशासन और एयर फोर्स के बीच शुक्रवार को एमओयू साइन होगा। यह एमओयू प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की मौजूदगी में गवर्नमेंट प्रेस बिल्डिग में होगा। एमओयू के बाद एयर फोर्स म्यूजियम बनाने का काम शुरू करेगी। यह म्यूजियम एयर फोर्स की वीर गाथाओं का केंद्र बनेगा। साथ ही यहां एयर फोर्स के जंगी जहाज और एयरक्राफ्ट के मॉडल भी प्रदर्शित होंगे। इस म्यूजियम को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के गांव अक्कुलम में बनाए गए म्यूजियम की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। चंडीगढ़ गवर्नमेंट प्रेस में भी एयर फोर्स ही यह म्यूजियम बनाएगी। इंडियन एयर फोर्स के सामने यूटी प्रशासन गवर्नमेंट प्रेस की इस हेरिटेज बिल्डिग में म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव रखा था।
म्यूजियम में फ्लाइट सिम्युलेटर सबसे खास
इस म्यूजियम में साहस की गाथा तो गर्व से सीना चौड़ा करेगी ही साथ ही वायु सेना के फाइटर प्लेन में बैठने का अनुभव भी होगा। म्यूजियम में एयर फोर्स के प्लेन के मॉडल और हथियार प्रदर्शित किए जाएंगे। जंगी जहाज तैनात होंगे। सबसे बड़ा आकर्षण फ्लाइट सिम्युलेटर होगा। यह सिम्युलेटर विजिटर्स को वायु सेना के फाइटर प्लेन में बैठने का अनुभव कराएगा। ऐसा लगेगा जैसे वह खुद फाइटर प्लेन में बैठे हैं। इसका काकपिट भी होगा।
करियर की मिलेगी जानकारी
इस म्यूजियम का उद्देश्य केवल एंटरटेनमेंट करना नहीं होगा। बल्कि यह एयर फोर्स की ताकत, कार्य और इसे ज्वाइन करने की जानकारी भी समेटे हुए होगा। युवाओं का रूझान एयर फोर्स के प्रति बढ़ाना भी इसका उद्देश्य रहेगा। बच्चों को इससे प्रेरणा मिलेगी। एयर फोर्स के विभिन्न ऑप्रेशन और बारीकियों से अवगत कराया जाएगा। एयर फोर्स में करियर की जानकारी भी मिलेगी।
प्रशासक बदनौर का ड्रीम प्रोजेक्ट
गवर्नमेंट प्रेस बंद करने के बाद इस हेरिटेज बिल्डिग में पहले विटेज कार म्यूजियम बनाया जाना था। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था। लेकिन कई बार टेंडर के बाद भी किसी कंपनी ने यह म्यूजियम चलाने में रूचि नहीं दिखाई। प्रशासन ने इसका साढ़े चार लाख रुपये मासिक रेंट रखा था। गवर्नमेंट प्रेस बिल्डिग की रेनोवेशन का काम चल रहा है। काफी पूरा भी हो चुका है। जब कोई एजेंसी नहीं आई तो एयर फोर्स से म्यूजियम बनाने के लिए संपर्क किया गया।