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अहिसा परमो-धर्म सिद्धांत पर 17 वर्ष से चल रहा ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सिद्धांत था अहिसा परमो धर्म जिसका पालन कर रहा है शहर का युवसत्ता स्वयंसेवी संस्था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 09:19 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 09:19 PM (IST)
अहिसा परमो-धर्म सिद्धांत पर 17 वर्ष से चल रहा ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट
अहिसा परमो-धर्म सिद्धांत पर 17 वर्ष से चल रहा ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सिद्धांत था 'अहिसा परमो धर्म' जिसका पालन कर रहा है शहर का युवसत्ता स्वयंसेवी संस्था। संस्था का निर्माण वर्ष 2006 में शहर के प्रमोद शर्मा ने किया और दुनिया, समाज में प्यार, भाईचारे, शांति और सद्भावना का नारा देने के लिए शुरू किया ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट। ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट हर वर्ष दो अक्टूबर को आयोजित होता है जिसमें शहर के युवसत्ता से जुड़े वालंटियर्स के अलावा विभिन्न देशों के प्रतिनिधि पहुंचते हैं और मिलजुल कर प्यार का संदेश देते हैं। कोरोना काल के चलते दो वर्ष से इस फेस्ट को आयोजित नहीं किया जा सका है। इससे पहले हर वालंटियर्स भारत आने के अलावा पाकिस्तन और दूसरे देशों में जाकर भी प्यार और सद्भावना का संदेश देते थे। अब तक भारतीय प्रतिनिधि मलेशिया, सिगापुर, नेपाल, श्रीलंका, रशिया, इंग्लैंड सहित आठ देशों तक जा चुके हैं। भारत-पाक के वालंटियर्स से हुई शुरुआत

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ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट की शुरुआत वर्ष 2006 में भारत और पाकिस्तान के 100 प्रतिनिधियों से हुई थी। वर्ष 2007 में पाकिस्तान के साथ फेस्ट में बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका सहित एशिया महाद्वीप के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि पहुंचे और आपसी शांति का संकल्प लिया। वर्ष 2009 तक ग्लोबल पीस फेस्ट में 20 देशों के 250 और वर्ष 2018 में 23 देशों के प्रतिनिधि यूथ पीस फेस्ट के लिए भारत पहुंचे। भारत पहुंचने वाले प्रतिनिधियों में नीदरलैंड, केन्या, नेपाल, साउथ अफ्रीका और अमेरिका के प्रतिनिधि थे। वहीं वर्ष 2019 के पीस फेस्ट में सुडान, सीरिया, आस्ट्रेलिया, यूगांडा के देशों ने भी भाग लिया था। अमन, शांति के साथ प्यार बांटना हमारा प्रयास

स्वयंसेवी संस्था के फाउंडर प्रमोद शर्मा के अनुसार संस्था का निर्माण पाकिस्तान और भारत के संबंधों को बेहतर बनाने की सोच से हुआ था, लेकिन अब इससे विश्व के दूसरे देश में जुड़ रहे हैं। हमारा प्रयास विकास की राह पर चलने के लिए माहौल तैयार करना है।


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