मां काली के साथ पाएं 101 किलो पारे से बने शिवलिग के दर्शन
नवरात्र में विभिन्न देवियों के दर्शन के साथ सेक्टर-30 स्थित मां महाकाली मंदिर में 101 किलो पारे से बने शिवलिग के दर्शन किए जा सकते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नवरात्र में विभिन्न देवियों के दर्शन के साथ सेक्टर-30 स्थित मां महाकाली मंदिर में 101 किलो पारे से बने शिवलिग के दर्शन किए जा सकते हैं। शहर के बीच स्थित मां काली के दर्शन करने के साथ भक्त नवग्रह, शनिदेव और चितपूर्णी के दर्शन भी एक ही छत के नीचे श्रद्धालु कर सकते हैं। नवरात्र में मंदिर सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक खुल रह रहा है। जहां पर मां के दर्शनों के साथ-साथ भजन-कीर्तन मंडलियां हर दिन मां की महिमा का गुणगान कर रही है जिसमें कोई भी भक्त शामिल हो सकता है। इसके साथ ही शाम के समय लंगर भी लगाया जा रहा है।
मंदिर का इतिहास
मंदिर का इतिहास शहर के बसने के बाद से माना जाता है। चंडीगढ़ के बसने से पहले इस स्थान पर मां काली की प्रतिमा स्थापित थी जिसे स्थानीय लोग कुलदेवी के रूप में पूजा करते थे। शहर के बसने के बाद विशाल मंदिर का निर्माण हुआ और अब हर दिन मां के दर्शन होने के साथ शाम के समय पूजा-आरती भी की जाती है। मंदिर में नवरात्र में पूजा-अर्चना के अलावा जरूरतमंद बेटियों की शादियां भी कराई जाती है।
यह है मंदिर की विशेषता
शहर का अकेला मंदिर है जहां पर 101 किलो पारे का शिवलिग स्थापित होता है। मंदिर परिसर में नवग्रह मूर्तियों के साथ फोटो भी स्थापित की गई है। मां काली के दर्शन के बाद मां लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा सहित मां चितपुर्णी के भी दर्शन मंदिर की एक ही छत के नीचे होते है।