Move to Jagran APP

मां काली के साथ पाएं 101 किलो पारे से बने शिवलिग के दर्शन

नवरात्र में विभिन्न देवियों के दर्शन के साथ सेक्टर-30 स्थित मां महाकाली मंदिर में 101 किलो पारे से बने शिवलिग के दर्शन किए जा सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 08:20 PM (IST)
मां काली के साथ पाएं 101 किलो पारे से बने शिवलिग के दर्शन
मां काली के साथ पाएं 101 किलो पारे से बने शिवलिग के दर्शन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नवरात्र में विभिन्न देवियों के दर्शन के साथ सेक्टर-30 स्थित मां महाकाली मंदिर में 101 किलो पारे से बने शिवलिग के दर्शन किए जा सकते हैं। शहर के बीच स्थित मां काली के दर्शन करने के साथ भक्त नवग्रह, शनिदेव और चितपूर्णी के दर्शन भी एक ही छत के नीचे श्रद्धालु कर सकते हैं। नवरात्र में मंदिर सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक खुल रह रहा है। जहां पर मां के दर्शनों के साथ-साथ भजन-कीर्तन मंडलियां हर दिन मां की महिमा का गुणगान कर रही है जिसमें कोई भी भक्त शामिल हो सकता है। इसके साथ ही शाम के समय लंगर भी लगाया जा रहा है।

loksabha election banner

मंदिर का इतिहास

मंदिर का इतिहास शहर के बसने के बाद से माना जाता है। चंडीगढ़ के बसने से पहले इस स्थान पर मां काली की प्रतिमा स्थापित थी जिसे स्थानीय लोग कुलदेवी के रूप में पूजा करते थे। शहर के बसने के बाद विशाल मंदिर का निर्माण हुआ और अब हर दिन मां के दर्शन होने के साथ शाम के समय पूजा-आरती भी की जाती है। मंदिर में नवरात्र में पूजा-अर्चना के अलावा जरूरतमंद बेटियों की शादियां भी कराई जाती है।

यह है मंदिर की विशेषता

शहर का अकेला मंदिर है जहां पर 101 किलो पारे का शिवलिग स्थापित होता है। मंदिर परिसर में नवग्रह मूर्तियों के साथ फोटो भी स्थापित की गई है। मां काली के दर्शन के बाद मां लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा सहित मां चितपुर्णी के भी दर्शन मंदिर की एक ही छत के नीचे होते है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.