पंजाब सरकार और रेलवे की खींचतान में फंसी मालगाडिय़ां, नहीं शुरू हुआ परिचालन
पंजाब में घोषणा के बावजूद मालगाडि़यों का परिचालन नहीं शुरू हुआ है। मालगाडि़यों का परिचालन रेलवे और पंजाब सरकार की खींचतान के कारण शुरू नहीं हुआ है। पंजाब सरकार का कहना है कि रेलवे लाइन खाली हो गया है तो रेलवे के अनुसार कई जगह किसान ट्रैक पर हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। राज्य में मालगाडिय़ों के संचालन को लेकर एक बार फिर से पंजाब सरकार और रेलवे में गतिरोध बन गया है। पंजाब सरकार ने दावा किया है कि राज्य में मालगाडिय़ों को परिचालन के लिए सभी रेल ट्रैक खाली कर दिए हैं। वहीं, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने दावा किया है कि राज्य में अब भी 23 स्थानों पर किसान ट्रैक पर जमे हुए हैं। ऐसे में ट्रेनों का संचालन करना संभव नहीं हैं। दरअसल रेलवे मालगाडिय़ों के साथ-साथ यात्री गाडिय़ों को भी चलाना चाहता है जबकि पंजाब सरकार की मौजूदा हालात में केवल मालगाडिय़ों का परिचालन शुरू करने के पक्ष में है। राज्य सरकार और रेलवे के बीच चल रहे इसी गतिरोध के बीच अब सात नवंबर से राज्य में ट्रेनों के संचालन पर संशय है।
मालगाडिय़ों के लिए रेल ट्रैक खाली करवाए : पंजाब सरकार
इससे पहले शुक्रवार शाम तक यह माना जा रहा था कि मालगाडिय़ों को चलाने के आदेश किसी भी समय आ सकते हैं। यह संकेत उस समय मिले थे जब शुक्रवार की सुबह पंजाब पुलिस और रेलवे पुलिस ने मिलकर सभी रेलवे ट्रैक,जहां पर किसान धरनों पर बैठे हुए था का निरीक्षण शुरू किया था।
रेलवे मालगाडिय़ों के साथ यात्री ट्रेनें चलाने के पक्ष में, पंजाब सरकार अभी सिर्फ मालगाडिय़ां ही चलाना चाह रही
यही नहीं एफसीआइ ने भी फूड एंड सप्लाई विभाग के अधिकारियों को इस बात के संकेत दिए थे कि किसी भी समय मालगाडिय़ां शुरू हो सकती हैं इसलिए वे अनाज को मूव करने की तैयारी करें। मुख्यमंत्री आफिस ने भी दावा किया कि अब किसी भी रेलवे ट्रैक पर कोई धरना नहीं है।
अब भी राज्य में 23 स्थानों पर रेल ट्रैक पर डटे हैं किसान : रेलवे
इसी बीच शाम को रेलवे के चेयरमैन व सीईओ विनोद यादव ने दिल्ली में मीडिया कर्मियों से वर्चुअल वार्ता में बताया कि विभिन्न किसान संगठन जो वीरवार तक 32 स्टेशनों पर आंदोलन कर रहे थे, उसमें से शुक्रवार को नौ स्टेशन पंजाब सरकार के साथ बातचीत करके खाली करवा लिए गए हैं जबकि 23 पर धरना चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस बाबत पंजाब सरकार के साथ लगातार बातचीत जारी है। उन्होंने साफ कर दिया कि राज्य सरकार को रेलवे की संपत्ति और उसके मुलाजिमों की सुरक्षा की सौ फीसद गारंटी देनी होगी। इसके साथ ही सभी ट्रैक खाली करवाने होंगे।
यादव के इस बयान से साफ हो गया कि रेलवे मालगाडिय़ां और यात्री गाडिय़ां एक साथ चलाना चाहता है। उधर, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि राज्य में रेल सेवाओं के संबंध में पंजाब के सांसदों से मुलाकात की। किसानों, उद्योगों, एमएसएमई, सामान्य लोगों और यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे सेवाएं शुरू करना चाहता है। राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि अवरोध हटवाकर पूरे रेलवे ट्रैक को खाली करवाएं ताकि हम पंजाब के लिए सभी ट्रेनों का निर्बाध और सुरक्षित संचालन कर सकें।
रेलवे के चेयरमैन के इस बयान की जब जमीनी हकीकत चेक की गई तो पता चला कि अब किसी भी रेलवे ट्रैक या प्लेटफार्म पर किसानों का धरना नहीं चल रहा है। अमृतसर के जंडियाला में जो सबसे पहले शुरू हुआ था और 21 अक्टूबर के बाद भी खाली नहीं हुआ था, भी शुक्रवार की दोपहर तीन बजे के बाद खाली हो गया। किसानों ने सभी जगह रेलवे स्टेशनों से धरने हटाकर साथ ही पार्कों पर शुरू कर दिए हैं।
काबिले गौर है कि वीरवार को पंजाब के सांसदों और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की अगुवाई में भाजपा के शिष्टमंडल की ओर से रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात के बाद यह संकेत मिल रहे थे कि मालगाडिय़ों को चलाने का आदेश किसी भी समय आ सकता है।
सभी ट्रैक खाली: भाकियू
पंजाब में रेलवे स्टेशनों पर अब कोई भी धरना नहीं लगा हुआ है। यह दावा भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने किया है। उन्होंने बताया कि किसानों ने अपने धरने रेलवे स्टेशनों के बाहर पार्क में शिफ्ट करके रेलवे ट्रैक और स्टेशन खाली कर दिए हैं। ये ट्रैक 20 नवंबर तक खाली रहेंगे। उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर को ही ट्रैक खाली कर दिए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह ट्रैक केवल मालगाडिय़ों के लिए खाली किए गए हैं, यात्री गाडिय़ों के लिए नहीं।