हथियार का लाइसेंस बनवाने के लिए सुपरिंटेंडेंट ने ट्रांसपोर्टर से मांगी थी रिश्वत, कोर्ट से सुनाई ये सजा Chandigarh News
होम डिपार्टमेंट में तैनात सुपरिंटेंडेंट तेजबीर सिंह वालिया ने ट्रांसपोर्टर राजिंद्र सिंह से हथियार का लइसेंस बनाने के बदले में दस हजार रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे थे।
जेएनएन, चंडीगढ़। रिश्वत मामले में गिरफ्तार तेजबीर सिंह और खुशहाल सिंह को सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने दोषी करार देते हुए चार-चार साल कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। सीबीआइ ने पंजाब के मुक्तसर निवासी राजिंद्र सिंह की शिकायत पर वर्ष 2012 में मुक्तसर एसडीएम ऑफिस में तैनात क्लर्क खुशहाल और चंडीगढ़ स्थित पंजाब के होम डिपार्टमेंट ब्रांच-2 में तैनात सुपरिंटेंडेंट तेजबीर सिंह वालिया को चंडीगढ़ से दस हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह ट्रांसपोर्ट का काम करता है। जिस कारण उसके पास काफी कैश होता है। अपनी सुरक्षा के लिए उसे चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में हथियार कैरी करने की अनुमति दी जाए। जिसके संबंध में उसने एक एप्लीकेशन दी थी। यह एप्लीकेशन सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ऑफ होम अफेयर्स एंड जस्टिस पंजाब गवर्नमेंट को भेजी गई थी। शिकायतकर्ता के भाई ने भी उनकी तरह ही अनुमति लेने के लिए पत्र दिया था। इस दौरान शिकायतकर्ता की मुलाकात खुशहाल से हुई।
खुशहाल ने उन्हें बताया कि इसके लिए वह होम डिपार्टमेंट में तैनात सुपरिंटेंडेंट तेजबीर सिंह वालिया से मिल ले, जिसके बाद उन्हें बताया गया कि इस काम को करवाने के लिए दस हजार रुपये लगेंगे। उनके दोनों काम हो जाएंगे। वालिया ने जल्द से जल्द इस काम को करवाने के लिए दस हजार की रिश्वत मांगी। जिसके बाद सीबीआइ ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर ट्रैप लगाकर दोनों लोगों को गिरफ्तार किया था।
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