चंडीगढ़ में 10 हजार रुपये की रिश्वत मामले में सीएचबी के जूनियर टेक्नीशियन को 4 साल की सजा
सुरजीत को सीबीआइ ने 20 मार्च 2014 को 10 हजार रुपए के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 13(1)(डी)के तहत दोषी करार दिया है और 16 दिसंबर को उसे सजा सुनाई जाएगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआइ) ने छह साल पुराने एक रिश्वत मामले में चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के जूनियर टेक्नीशियन सुरजीत सिंह को 4 साल की सजा दे दिया है। सुरजीत को सीबीआइ ने 20 मार्च 2014 को 10 हजार रुपए के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7, 13(1)(डी)के तहत दोषी करार दिया है और 16 दिसंबर को उसे सजा सुनाई जाएगी।
सीबीआइ के सरकारी वकील केपी सिंह ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया था कि सुरजीत ने सेक्टर-61 के रहने वाले सुखबीर सिंह से उनकी फाइल क्लीयर करवाने के नाम पर रिश्वत मांगी थी।
सुखबीर ने शिकायत में बताया था कि उन्होंने सेक्टर-61 के एक फ्लैट की ऑनरशिप ट्रांसफर के लिए गलती से चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को एक लाख रुपये ज्यादा जमा करवा दिए थे। जब उन्हें इस बारे में पता चला तो उन्होंने हाउसिंग बोर्ड को एक एप्लीकेशन दी जिसमें उन्होंने रिफंड दिए जाने की मांग की। उनकी ये एप्लीकेशन बोर्ड के क्लर्क-कम-जूनियर टेक्नीशियन सुरजीत के पास पेंडिंग था।
सुरजीत इस एप्लीकेशन को क्लीयर करने के नाम पर काफी समय से रिश्वत की मांग कर रहा था। आखिर में सुखबीर ने 20 हजार रुपये में सौदा कर लिया और इस बारे में सीबीआई को भी शिकायत दे दी। सुखबीर ने जब सुरजीत को 10 हजार रुपये की पहली किस्त देनी थी तो सीबीआइ ने ट्रैप लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया था।
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