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पीयू स्टूडेंट काउंसिल की पूर्व प्रेसिडेंट 15 अगस्त को मानती हैं पंजाब के लिए काला दिन Chandigarh News

कनुप्रिया को भारी मतों से जिताकर छात्र काउंसिल का प्रेसिडेंट बनाया था।

By Edited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 10:24 PM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 11:21 AM (IST)
पीयू स्टूडेंट काउंसिल की पूर्व प्रेसिडेंट 15 अगस्त को मानती हैं पंजाब के लिए काला दिन Chandigarh News
पीयू स्टूडेंट काउंसिल की पूर्व प्रेसिडेंट 15 अगस्त को मानती हैं पंजाब के लिए काला दिन Chandigarh News

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। पीयू के स्टूडेंट्स ने कनुप्रिया को भारी मतों से जिताकर छात्र काउंसिल का प्रेसिडेंट बनाया था। हर मंच पर कनुप्रिया ने अपने दिल खोलकर विचार व्यक्त किए। स्टूडेंट्स के मुद्दों को लेकर वह खुलकर पीयू की सड़कों पर आती रही लेकिन फिर भी उन्हें लगता है कि आजादी नहीं मिली। देश के स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को वह पंजाब के लिए काला दिन मानती है। वह कश्मीर की आजादी भी चाहती है और पंजाब की भी। उनका कहना है कि जिस तिरंगे को उठाकर दुष्कर्म के आरोपित को बचाने के लिए रैली निकाली जाए, उसे फहराकर हम कैसे आजादी मना सकते हैं। वह आजादी नहीं हो सकती। 15 अगस्त को अमृतसर में हुए दल खालसा के कार्यक्रम में पंजाब यूनिवर्सिटी की छात्रा और एसएफएस की तरफ से स्टूडेंट काउंसिल की पूर्व प्रेसिडेंट कनुप्रिया ने शिरकत की थी। इस बाबत रविवार को उन्होंने दैनिक जागरण से अपना पक्ष रखा।

कनुप्रिया ने कहा कि दल खालसा लोगों की सोच को अहमियत देता है। जब लोग खुश नहीं हैं तो उसे हम अपनी आजादी कैसे मान लें। उल्लेखनीय है कि दल खालसा ने स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में पंजाब के विभिन्न स्थानों पर इकट्ठे होकर प्रदर्शन किया था। जिसमें 2020 में पंजाब को सिख राज्य घोषित करने के लिए जनमत संग्रह कराने की मांग उठाई जानी थी। इसके साथ ही दल खालसा की तरफ से विभिन्न मांगों को उठाया गया। जिस पर कनुप्रिया से विशेष बातचीत की गई। पेश हैं कुछ अंश..

प्रश्न : दल खालसा में स्पोट करने के लिए आप क्यों गई थी?
कनुप्रिया- दल खालसा सिख समर्थक दल है। आज जब हिंदूवाद की मांग जोर-शोर से उठाई जा रही है तो ऐसे में सिख स्टेट की मांग करना भी गलत नहीं है। इसके अलावा मैं वहां पर रक्षा बंधन के लिए गई थी। वहां पर पहुंचने के बाद पता चला कि कई लोगों को पुलिस ने 14 अगस्त की रात को ही गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस की कार्रवाई से परेशान होकर मैं अमृतसर में हो रहे कार्यक्रम में भाग लेने गई थी।

प्रश्न- आपको लगता है कि दल खालसा की मांग जायज है?
कनुप्रिया- जब संविधान को नजरअंदाज करके कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटा दिया गया तो यह अन्य किसी भी स्टेट के साथ कुछ भी कर सकते है। ऐसे में यदि दल खालसा अलग सिख स्टेट की मांग करता है तो उसमें कोई गलती नहीं है। इसे सिख स्टेट घोषित करना चाहिए क्योंकि यहां पर बहुतायत मात्रा में सिख पाए जाते हैं। मैं उन्हें स्पोर्ट करती हूं।

प्रश्न : आपको ऐसे क्यों लगता है कि देश आजाद नहीं है?
कनुप्रिया : देश आजाद होने का सबसे बड़ा सूचक इंसान की खुशी है। कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया लेकिन वहां के लोग इससे खुश नहीं हैं। वहां के लोगों में हिंदू राष्ट्र की तरफ से डर बना हुआ है। ऐसे में हम खुद को कैसे आजाद मान सकते हैं। राजनेता हमारी सोच को समझने के बजाय खुद की विचारधारा को थोप रहे हैं। ऐसे में हम खुद को आजाद नहीं मान सकते।

प्रश्न : दल खालसा में बोली गई बातों का यूनिवर्सिटी में भी समर्थन करते हैं?
कनुप्रिया : दल खालसा की मांग सही है। पंजाब यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में पंजाब के स्टूडेंट्स आते हैं। स्टूडेंट्स समाज का बहुत बड़ा हिस्सा हैं। उन्हें समाज में घटित हो रही हर घटना के प्रति जागरूक होना जरूरी है। मैं देश विरोधी कोई गतिविधि नहीं कर रही। सिर्फ पंजाब और उसकी विरासत को बचाने की बात कर रही हूं। जोकि यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के साथ साझा करना जरूरी है।

प्रश्न- आपने तिरंगा यात्रा के साथ दुष्कर्म पीड़ितों का साथ देने की बात कही है, ऐसा क्यों कहा गया?
कनुप्रिया : कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ। आरएसएस के समर्थक तिरंगा लेकर आरोपित का साथ दे रहे थे और उसके लिए यात्रा भी आयोजित कर रहे थे। वहीं, उन्नाव में भी भाजपा विधायक का साथ दिया गया और पीड़िता के पूरे परिवार को खत्म कर दिया गया। ऐसे में जो भी बात मैंने बोली वह पूरी तरह से सही थी। तिरंगे का मिसयूज किया जा रहा है और वह भी भाजपा और आरएसएस समर्थकों की तरफ से हो रहा है।

प्रश्न- पंजाब यूनिवर्सिटी के दूसरे छात्र संगठन एसएफएस की मान्यता को रद करने की मांग कर रहे हैं, यह कहां तक सही है?
कनुप्रिया : एसएफएस हमेशा से स्टूडेंट्स की सोच का प्रतिनिधित्व करती आई है। दूसरे छात्र संगठनों की तरफ से छात्र संगठन की मान्यता खत्म करने की मांग पूरी तरह से गलत है। खुद जब ¨हदुत्व की बात करते हैं तो उन्हें उस समय भी सोचना चाहिए कि यह यूनिवर्सिटी सभी धर्म और समुदाय की है। इसके अलावा मैंने अमृतसर में हुए कार्यक्रम में छात्र संगठन के आधार पर भाग नहीं लिया था बल्कि यह युवा स्टूडेंट्स के तौर पर लिया था।

प्रश्न- अनुच्छेद 370 पर आपका क्या सोचना है?
कनुप्रिया- अनुच्छेद 370 खुशी से लागू नहीं हुआ है। कश्मीर में कोई बगावत नहीं हो, इसके लिए बहुत ज्यादा सेना तैनात की गई है। यदि अनुच्छेद 370 सही था तो वहां पर सेना तैनात करने की नहीं बल्कि वहां से हटाने की जरूरत थी।

 

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