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फिल्‍म स्‍टार अक्षय कुमार पर शिअद के पूर्व MLA ने लगाए सनसनीखेज आरोप

सुखबीर बादल की पार्टी के एक पूर्व विधायक हरबंस जलाल ने फिल्‍म स्‍टार अक्षय कुमार पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्‍होंने कहा कि अक्षय ने गुरमीत राम रहीम व सुखबीर बादल की मीटिंग करवाई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 10:48 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 10:48 AM (IST)
फिल्‍म स्‍टार अक्षय कुमार पर शिअद के पूर्व MLA ने लगाए सनसनीखेज आरोप
फिल्‍म स्‍टार अक्षय कुमार पर शिअद के पूर्व MLA ने लगाए सनसनीखेज आरोप

जेएनएन, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक हरबंस जलाल ने फिल्‍म अभिनेता अक्षय कुमार पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्‍होंने दावा किया है कि फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुंबई में मीटिंग करवाई थी। मीटिंग फिक्स करवाने के बदले में कबड्डी कप के नाम पर अक्षय कुमार को सरकारी खाते से करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया।

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हरबंस जलाल ने कहा- अक्षय ने गुरमीत राम रहीम से सुखबीर से कराई बैठक, बदले में करोड़ों की डील हुई

उन्होंने कहा कि पंजाब में बेअदबी की घटनाओं की असली जड़ डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देना है। जलाल रामपुरा फूल से एक बार निर्दलीय और एक बार शिरोमणि अकाली दल के विधायक रह चुके हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के रिश्तेदार भी हैं। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में जलाल ने कहा कि डेरा प्रमुख की फिल्म 'मैसेंजर ऑफ गॉड' पंजाब में चलाने के लिए पहले डेरा प्रमुख को माफी दी गई।

कहा, बेअदबी की घटनाओं की जड़ डेरा प्रमुख को माफी देना

उन्होंने माना कि डेरा प्रमुख की ओर से सुखबीर बादल को 100 करोड़ रुपये देने के बारे में कोई सुबूत नहीं है। न ही वह यह दावा करते हैं कि सुखबीर बादल या अकाली दल को यह पैसे मिले हैं, लेकिन डेरा प्रमुख की फिल्म में मुंबई के दो लोग हिस्सेदार थे। फिल्म मुंबई में व्यापार नहीं कर सकी, तो उन हिस्सेदारों को पंजाब में फिल्म रिलीज होने पर 300 से 500 करोड़ रुपये का कारोबार करने की उम्मीद थी।

उन्होंने सुखबीर सिंह बादल से बातचीत करने के लिए बिचौलिए के रूप में अभिनेता अक्षय कुमार की मदद ली। वर्ष 2007 में श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से डेरा प्रमुख को पंथ से निष्कासित कर दिया गया था। इसलिए पंजाब में फिल्म चलाने से पहले डेरा प्रमुख को माफीनामा दिया गया था।

कैप्टन पर जांच सीबीआइ को न देने का आरोप

उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार भी बादल सरकार की तरह काम कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर बुर्ज जवाहर सिंह वाला से गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप चोरी होने और एक गवाह की मौत होने के मामलो की जांच सीबीआइ को न देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि बेअदबी मामले और गुरदेव सिंह की मौत के असली कारणों का पता लगाया जाता, तो सच सामने आना था।

उन्होंने जस्टिस रणजीत सिंह आयोग व विशेष जांच दल (एसआइटी) के प्रमुख कंवर विजय प्रताप सिंह के साथ फरीदकोट में बातचीत करके सारी कहानी बताने का दावा किया। उन्होंने कहा कि यदि जांच आयोग के प्रमुख उन को समन भेजकर गवाह के रूप में बुलाएंगे तो वह जरूर जाएंगे।


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