Punjab Assembly Budget Session: सिद्धू अपनी सरकार के ही निशाने पर आए, मंत्री ने रिपोर्ट को बताया फिजूल
Punjab Assembly में बुधवार को पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही सरकार के निशाने पर रहे। सिंचाई मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने रेत-बजरी को लेकर उनके सुझाव को फिजूल बताया।
चंडीगढ़, जेएनएन। Punjab Assembly Budget Session में बुधवार को कांग्रेस के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही सरकार के निशाने पर आ गए। राज्य के सिंचाई मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने रेत खनन पर नवजोत सिद्धू के आइडिया को फिजूल बताया। सिद्धू ने पंजाब में रेत खनन को लेकर तेलंगाना का फार्मूला अपनाने की सिफारिश की थी। इसे पंजाब कैबिनेट ने खारिज कर दिया था। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने राज्य में शराब निगम बनाने को लेकर अपने नोटिस पर चर्चा के प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद सदन से वाकआउट किया।
पंजाब विधानसभा में प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में सिंचाई मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने कहा कि रेत-बजरी से 4000 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने का नवजोत सिंह सिद्धू का आइडिया बेकार था और यह बस फ़िज़ूल की बात थी। ऐसा संभव नहीं था। इस बारे में आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने सवाल पूछा था।
बता दें कि पंजाब सरकार ने नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी को राज्य में रेत और बजरी को लेकर नीति बनाने के लिए सुझाव देेना था। सिद्धू ने इसको लेकर तेलंगाना जाकर वहां रेत-बजी को लेेकर अपनाई जा रही नीति का अध्ययन किया और इसे पंजाब में भी अपनाने की सिफारिश की। इसे पंजाब कैबिनेट ने खारिज कर दिया था।
सिंचाई मंत्री सरकारिया ने कहा कि इतना पैसा नहीं जुटाया जा सकता। उन्होंने बताया कि शिरोमणि अकाली दल - भाजपा सरकार के कार्यकाल में रेत और बजरी के खनन से मात्र 35 करोड़ प्रति वर्ष आता था। इसे कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने 310 करोड़ रुपये प्रति साल कर दिया है।
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने किया वाकआउट
पंजाब विधानसभा से वाकआउट करते आम आदमी पार्टी के विधायक।
पंजाब में शराब कारपोरेशन बनाने के मामले पर चर्चा कराने की आम आदमी पार्टी मांग को स्पीकर राणा केपी सिंह ने खारिज कर दिया। इस पर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा से वाकआउट किया। स्पीकर ने शराब कारोरेशन बनाने के आम आदमी पार्टी के प्राइवेट विधेयक को खारिज कर दिया और इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी।
आप के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में 10,000 करोड़ की नाजायज शराब बिक रही है। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया था कि वह शराब कारपोरेशन बनाएगी। इससे पंजाब सरकार को हजारों करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, मैंने इस संबंध में प्राइवेट बिल लाने के लिए नोटिस दिया था लेकिन आप (स्पीकर) ने उसे नियमावली 151 के तहत अलाऊ नहीं किया। अरोड़ा ने कहा कि 151 के तहत 15 दिन पहले नोटिस देना होता है। आज 15 दिन पूरा हो रहा है। बिल कल आना था।
इस पर स्पीकर ने कहा कि वह इसकी जांच करवा लेंगे। अरोड़ा ने कहा कि इस बिल को लाने की इजाजत दी जाए इन्क्वारी नहीं। इस पर स्पीकर ने कहा कि अगर इन्क्वारी नहीं होने देनी तो बिल लाने का प्रस्ताव रद है। इसके बाद आप के विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी और सदन से वाक आउट कर गए।
मजीठिया ने लगाए 200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप,
मजीठिया ने स्वास्थ्य मंत्री पर लगाए 200 करोड़ के घोटाले का आरोप, मंत्री बलबीर सिद्धू से हुई कहासुनी
शून्यकाल के दौरान शिरोमणि अकाली दल के विधायक व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों में नशा छुड़ाने के लिए दी जाने वाली बूप्रिनोरफिन नालैकसोन पांच करोड़ गोलियां गायब हो गई। इसकी जांच होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें 200 करोड़ का घोटाला हुआ है। उन्होंने इस मामले में स्वाथ्य मंत्री बलबीर सिद्धू का इस्तीफा मांगा।
पंजाब विधानसभा से वाकआउट करने के बाद शिअद विधायक।
इसके बाद बलबीर सिंह सिद्धू ने मजीठिया पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आज ये बात कौन कर रहा है जो चिट्टे का व्यापारी है। उन्होंने कहा इस मामले की इन्क्वारी उन्होंने करवाई है। जिन गोलियों के गायब होने की बात की जा रही है वे प्राइवेट नशा छुड़ाओ केंद्र का मामला है। पहले सारा रिकार्ड हार्ड कॉपी में होता था। हमारी सरकार ने उसे ऑनलाइन करवाया है। मंत्री ने कहा कि अकाली सरकार ने 3.50 लाख लोगों को नशे की भट्टी में झोंक दिया। इस पर शिअद के विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की और सदन से वाक आउट किया।
विधानसभा से बाहर पत्रकारों से बात करते स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू।
बता दें कि 4 दिसंबर को बूप्रिनोरफिन नालैकसोन की बिक्री की जांच करने संबंधी सिविल सर्जनों को निर्देश जारी करते हुए 96 नशा मुक्ति केन्द्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। बलबीर सिंह सिद्धू ने सदन के बाहर बताया कि जिन गोलियों के घोटाले की बात की जा रही है, उसकी हकीकत यह है कि प्राइवेट नशा छुड़ाओ केंद्र ने अपना डाटा ऑन लाइन नहीं किया है। जबकि उनके पास रिकार्ड मौजूद है।
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