पूर्व आइजी जैदी ने दायर की याचिका, कोर्ट में गवाहों की शारीरिक उपस्थिति होने के लिए अपील की
जुलाई 2017 में शिमला के कोटखाई में एक छात्रा का जंगल से शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी। आइजी जैदी की अगुआई में बनी एसआइटी ने एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था।
चंडीगढ़, राजन सैनी। कोटखाई कस्टोडियल डेथ केस में आरोपित हिमाचल प्रदेश के पूर्व आइजी जहुर हैदर जैदी ने अब सीबीआइ की स्पेशल अदालत में नई याचिका दायर कर दी है। दायर की नई याचिका में अपील करते हुए कहा कि केस का ट्रायल सही तरीके से चलाने और सरकार पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करवाने के लिए सभी आरोपित, उनके वकील और सरकारी पक्ष कोर्ट में मौजूद हों। इस दौरान किसी भी पक्ष को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश होने की इजाजत न दी जाए। कोर्ट ने इस पर अब फैसला सुनाने के लिए 19 नवंबर की तिथि तय कर दी है।
दरअसल, बीते सोमवार जैदी की फिजिकल हियरिंग शुरू करने की मांग को लेकर सरकारी पक्ष सहित कुछ आरोपितों ने मंजूरी दी थी। इस दौरान जो आरोपित जमानत पर है, उन्होंने अपनी मंजूरी नहीं दी थी। जिसके बाद जैदी ने अब ये नई याचिका दायर करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से पहले केस का ट्रायल चलाने और गवाहों के बयान कोर्ट रूम में जज के सामने दर्ज हों। बिना शारीरिक उपस्थिति के केस के सही तरीके से ट्रायल होने की संभावना नहीं है। इसलिए सभी आरोपितों और उनके वकीलों को कोर्ट में ही बुलाया जाए।
यह था मामला
जुलाई 2017 में शिमला के कोटखाई में एक छात्रा का जंगल से शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी। आइजी जैदी की अगुआई में बनी एसआइटी ने केस को सुलझाने का दावा करते हुए एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था। इनमें नेपाली मूल का सूरज नामक युवक भी था। कोटखाई थाने में सूरज की संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
सीबीआइ जांच में सामने आया कि पुलिस के टार्चर से ही सूरज की मौत हुई थी। मामले में सीबीआइ ने आइजी जहुर हैदर जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठयोग डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंद्र सिंह, एएसआइ दीप चंद, हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफी अली और कांस्टेबल रंजीत समेत कुल नौ लोगों को आरोपित बनाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केस को चंडीगढ़ स्थित सीबीआइ की विशेष कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।