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इस्‍तीफे के बाद कुंवर विजय प्रताप का पंजाब एजी पर हमला, कहा- हर पेशी से पहले छुट्टी पर चले जाते थे

पंजाब पुलिस के पूर्व आइजी विजय प्रताप सिंह ने अपना इस्‍तीफा मंजूर होते ही राज्‍य के म‍हाधिवक्‍ता अतुल नंदा पर हमला किया है। कुंवर विजय प्रताप ने कहा कि कोटकपूरा फायरिंग मामले में पेशी से पहले छुट्टी पर चले गए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 10:50 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 10:50 AM (IST)
कुंवर विजय प्रताप सिंह और अतुल नंदा की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। इस्तीफा मंजूर होने के बाद कोटकपूरा गोलीकांड मामले में एसआइटी (विशेष जांच टीम) के वरिष्ठ सदस्य रहे पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने की गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार के निर्देशों के बावजूद गोलीकांड जैसे अत्यंत संवेदनशील मुद्दे पर एडवोकेट जनरल अतुल नंदा एक बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। हर पेशी से पहले वह मेडिकल लीव पर चले गए। उल्लेखनीय है कि कुंवर के इस आरोप के बाद सरकार पर विपक्ष और हमलावर हो सकता है।

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कोटकपूरा गोलीकांड :एसआइटी के प्रमुख सदस्य रहे कुंवर विजय प्रताप ने लगाए कई गंभीर आरोप

पहली बार खुलकर बोलते हुए कुंवर ने कहा कि दो साल की मेहनत के बाद हमारी टीम ने जो चालान पेश किया, उसके तथ्यों में खामियां निकालने के बजाय बचाव पक्ष के वकील चालान पर एक ही अफसर के हस्ताक्षर को लेकर बहस करते रहे। मैंने अपने वकीलों से कहा कि वे मुझे तथ्यों पर बहस करने का एक मौका दिलवा दें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। पूरे समय वह मेरे साथ ही ऐसे बहस करते रहे जैसे मुझे टार्चर कर रहे हों।

कुंवर ने सरकार की लीगल टीम पर ही सवाल उठाते हुए कहा है कि मुझे तो कभी लगा ही नहीं कि ये हमारी तरफ से लड़ रहे हैं। इनकी आसमान छूती फीसें, इनके बड़े-बड़े होटलों में ठहरने के नखरे देखकर ही हमें लगा था कि यह टीम हमारी ओर से नहीं लड़ रही है। सबसे खास बात यह कि जब हाई कोर्ट का फैसला आया तो एजी को बड़ी खुशी थी फैसला सुनाते हुए। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह किस गंभीरता से यह केस लड़ रहे थे?

कुंवर ने कहा कि जहां तक चालान में एसआइटी के एक ही सदस्य के हस्ताक्षर का सवाल है तो मैं साफ कर दूं कि अदालत में जो भी चालान पेश होते हैं उस पर एक ही अफसर साइन करता है। बहिबलकलां गोलीकांड मामले में जो चालान आइपीएस अफसर स¨तदर ¨सह ने पेश किया है, उस पर इन लोगों ने सवाल क्यों नहीं उठाए? क्या उस पर उनके अलावा किसी और सदस्य के हस्ताक्षर हैं?

एसआइटी को सहयोग नहीं करूंगा, वकील के रूप में लड़ूंगा

कुंवर विजय प्रताप ने कहा कि वह अब इस केस को कानूनी रूप से एक वकील के रूप में लड़ेंगे। हाई कोर्ट ने जो नई एसआइटी बनाने का आदेश दिया है वह उसका सहयोग नहीं करेंगे क्योंकि ऐसा करने से ही मुझे रोक दिया गया है।

लीगल टीम पर उठाए ये सवाल

  • - मेरे वकील तथ्यों पर बहस करने का मौका मुझे नहीं दिलवा सके।
  • -पूरे समय मेरे साथ ऐसे बहस करते रहे जैसे मुझे टार्चर कर रहे हों।
  • - मुझे लगा ही नहीं कि लीगल टीम हमारी तरफ से केस लड़ रही है।
  • - बहिबलकलां गोलीकांड में आइपीएस स¨तदर के चालान पर सवाल क्यों नहीं?

फूलका बोले थे, सुप्रीम कोर्ट से कम नहीं लड़ते

कुंवर ने एक और रहस्योद्घाटन करते हुए कहा कि बेअदबी मामले में सबसे ज्यादा गंभीरता दिखाने वाले एचएस फूलका ने इस केस को लड़ने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट से कम नहीं लड़ते। मैंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट या फरीदकोट का मामला नहीं, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला है। मैंने इस केस का पूरा रिकार्ड भी दिखाया, लेकिन उनके जवाब ने मेरी सारी उम्मीद तोड़ दी। फूलका ने जिस एडवोकेट की ड्यूटी लगाई उसने तो कोई गंभीरता ही नहीं दिखाई।

कुंवर के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा : फूलका

एचएस फूलका ने कहा, मैं कुंवर विजय प्रताप के खिलाफ नहीं बोलूंगा, लेकिन मैंने इस केस के पीडि़तों से पूछा था कि वे वकील क्यों बदलना चाहते हैं? इस पर उनका जवाब था कि वे नहीं बदलना चाहते, बल्कि कुंवर ऐसा चाहते हैं। चूंकि इस मामले के आरोपित पहले ही यह आरोप लगा रहे हैं कि यह पालिटिकल केस है, इसलिए अगर मैं लड़ता तो तय ही हो जाता कि इसे राजनीतिक रंगत दी जा रही है।

यह है पूरा मामला

फरीदकोट के बरगाड़ी में 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से नाराज लोग कोटकपूरा व बहिबलकलां में प्रदर्शन कर रहे थे। कोटकपूरा में पुलिस द्वारा की गई फाय¨रग में कई लोग घायल हो गए थे। इसकी जांच के लिए बनाई गई एसआइटी के आइजी कुंवर विजय प्रताप प्रमुख सदस्य थे, लेकिन उनकी ओर से पेश किए गए चालान को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। साथ ही नई एसआइटी बनाने का आदेश देते हुए कहा कि उसमें कुंवर विजय प्रताप नहीं रहेंगे। इसके बाद कुंवर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

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