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पहली बार एक ही मंच पर दिखेंगे भगवान श्रीराम के रूप में 100 से ज्यादा कलाकार

श्रीरामलीला मंचन के इतिहास में पहली बार सेक्टर-18 के टैगोर थिएटर में 100 से ज्यादा कलाकार भगवान श्रीराम की वेशभूषा में इकट्ठे होंगे। यह पहली बार हो रहा है जब शहर में भगवान श्रीराम की लीला का बड़े पर्दे पर मंचन के लिए लेखन करने वाले हरियाणा के यशवंत सिंह टोहनवी को श्रद्धाजंलि देते हुए याद किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 06:06 AM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 06:06 AM (IST)
पहली बार एक ही मंच पर दिखेंगे भगवान श्रीराम के रूप में 100 से ज्यादा कलाकार
पहली बार एक ही मंच पर दिखेंगे भगवान श्रीराम के रूप में 100 से ज्यादा कलाकार

-सेक्टर-18 स्थित टैगोर थिएटर में आज किया जाएगा भगवान श्रीराम की लीला का मंचन

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-पहली बार श्रीराम व लक्ष्मण सहित अन्य किरदारों को महिला कलाकार निभांएंगे

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जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : श्रीरामलीला मंचन के इतिहास में पहली बार सेक्टर-18 के टैगोर थिएटर में 100 से ज्यादा कलाकार भगवान श्रीराम की वेशभूषा में इकट्ठे होंगे। यह पहली बार हो रहा है जब शहर में भगवान श्रीराम की लीला का बड़े पर्दे पर मंचन के लिए लेखन करने वाले हरियाणा के यशवंत सिंह टोहनवी को श्रद्धाजंलि देते हुए याद किया जाएगा।

यह आयोजन नवयुग रामलीला एंड दशहरा कमेटी की ओर से शहर के सौरभ आ‌र्ट्स सोसाइटी के सहयोग से किया जा रहा है। मंचन के लिए चंडीगढ़ के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान की रामलीला एंड दशहरा कमेटी की तरफ से रामलीला में भगवान श्रीराम का मंचन करने वाले कलाकारों को उनकी वेशभूषा में बुलाया गया है। जहां पर कलाकारों का सम्मानित करने के साथ यशवंत सिंह टोहनवी के परिवार को भी सम्मानित किया जाएगा। इस मंचन की विशेषता यह भी होगी कि इस दौरान भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और सीता के अभिनय से लेकर विभिन्न प्रकार के किरदारों को महिला कलाकार ही निभाएंगे। भगवान श्रीराम की भूमिका नगर निगम की पूर्व पार्षद गुरबख्श रावत व लक्ष्मण के रूप में सुनीता देती और सीता के रूप में खुशबू यादव अभिनय करेंगी।

देश का इतिहास है श्रीरामलीला

नवयुग रामलीला एंड दशहरा कमेटी सह निर्देशक विकास सूद ने बताया कि श्रीरामलीला को किताबों में ही पढ़ा जाता था या फिर सुना जाता था, लेकिन यशवंत टोहनवी ने पहली बार मंचन के लिए श्रीरामलीला को लिखा और उसका टीवी पर प्रसारण होने के बाद अब देश भर में अलग-अलग स्थानों पर हर साल रामलीला का मंचन हो रहा है। उस मंचन से भगवान श्रीराम की शिक्षाओं को याद करने के साथ उन पर चलने की भी प्ररेणा मिलती है।


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