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इस बार बकरीद पर नहीं दी जाएगी दावत, कोरोना के कारण बदले नियम

शहर की विभिन्न मस्जिदों और मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने अपील की है कि बीमारी से बचने के लिए खुद पर कंट्रोल रखें और दुआ करें कि आने वाले सालों में इस त्योहार को धूमधाम से मना सकें।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 07:24 PM (IST)
इस बार बकरीद पर नहीं दी जाएगी दावत, कोरोना के कारण बदले नियम
इस बार बकरीद पर नहीं दी जाएगी दावत, कोरोना के कारण बदले नियम

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कोविड-19 की भयानकता को देखते हुए इस बार मुस्लिम समुदाय ने बकरीद बनाने के नियमों में भी बदलाव कर दिया है। इस बार बकरीद पर किसी को घर पर दावत नहीं दी जा रही। इसके अलावा जो मिलन समारोह घराें या मोहल्लों में होते थे वह भी रोक दिया गया है ताकि कोरोना वायरस महामारी पर नियंत्रण हो सके।

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शहर की विभिन्न मस्जिदों और मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने अपील की है कि बीमारी से बचने के लिए खुद पर कंट्रोल रखें और दुआ करें कि आने वाले सालों में हम सभी इस त्योहार को धूमधाम से मना सके। घर में करीब 40 मस्जिदें है जहां के मौलाना और इमाम की तरफ से फरमान जारी हो चुके है कि बकरीद के मौके पर मस्जिदों में आकर भीड़ नहीं लगाएं।

परंपरा अनुसार स्लॉट में होगी नमाज अदाः इमाम अख्तर

सेक्टर-56 मस्जिद फारूखी के इमाम कलिम अख्तर ने कहा कि परंपरा को बनाए रखने लिए हमने नमाज को चार बार करने का निर्णय लिया है। मस्जिद के बाहर एक व्यक्ति खड़ा रहेगा जो कि मस्जिद के अंदर आने वालों को रोकेगा। सुबह छह बजकर पांच मिनट से नमाज शुरू होगी लेकिन इस नमाज में सभी नहीं आ सकेंगे। सुबह आठ बजे तक चार स्लॉट में आकर लोग नमाज अदा करें। नमाज अदा करने के बाद सभी को वापिस घर जाना होगा मस्जिद में रूकने की किसी को परमिशन नहीं होगी। इसके अलावा सभी मुस्लिम भाई-बहनों से अपील है कि दावत का पता आपके पड़ोसी को भी पता नहीं चलना चाहिए कि घर में कोई दावत बनी है।

भीड़ न करें इकट्ठाः मौलाना खान

जामा मस्जिद सेक्टर-20 के मौलाना मोहम्मद अजमल खान ने कहा कि बकरीद को इकट्ठे होकर मनाया जाता था, लेकिन महामारी के चलते इस बार ऐसे करने से मनाही कर दी गई है। जो भी जामा मस्जिद आते हैं उनसे अनुरोध है कि वह घर पर ही सेलीब्रेशन करें और उसका पता दरवाजे से बाहर भी न चलने दें क्योंकि एक

गलती कई लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है।

इतिहास को याद रखो पर कोविड-19 को देखकरः नजमा खान

वहीं मुस्लिम समुदाय वेलफेयर सोसाइटी की चैयरर्पसन नजमा खान ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि बकरीद के इतिहास को याद रखना जरूरी है, लेकिन उसके साथ-साथ आज के समय में चल रहे कोविड-19 का भी ध्यान रखना होगा। हमारी एक गलती बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है।


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