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एचसीएस पेपर लीक केस में आरोप तय होने के बाद आरोपित पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

हरियाणा सिविल सर्विसेज (ज्यूडिशियल) पेपर लीक मामले में पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद जिला अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बीते 31 जनवरी को सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए थे।

By Edited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 10:12 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 03:02 AM (IST)
एचसीएस पेपर लीक केस में आरोप तय होने के बाद आरोपित पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
एचसीएस पेपर लीक केस में आरोप तय होने के बाद आरोपित पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा सिविल सर्विसेज (ज्यूडिशियल) पेपर लीक मामले में पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद जिला अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बीते 31 जनवरी को सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए थे। अब इन आरोपितों में से एक सुनील चोपड़ा ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। सुनील की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 17 फरवरी को सुनवाई होगी। मामले में कुल नौ आरोपित हैं, जिन पर अदालत ने आइपीसी की धारा 409, 420, 201, 120बी और प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 8/9/13(1) और 13(डी) के तहत चार्ज फ्रेम किए थे। याची के वकील मलकीत ¨सह जंडियाला ने बताया कि हाईकोर्ट ने जिला अदालत को आर्डर जारी कर कहा था कि वह बेवजह मामले को खींच रहे हैं। रोजाना इस पर सुनवाई कर आरोपितों पर आरोप तय किए जाएं। बताया कि सुनील ने इस केस में वॉइस सैंपल देने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। उस पर भी अभी फैसला लंबित है। मामले की जांच अभी जारी है। उससे पहले ही हाई कोर्ट के आदेशों के बाद आरोप तय कर दिए गए। यह याची का अधिकार है कि उसके खिलाफ जो केस चल रहा है, पहले उसकी सही ढंग से जांच हो। यह था मामला ¨पजौर निवासी सुमन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एचसीएस ज्यूडिशियल का पेपर डेढ़ करोड़ रुपये में बिकने और उसे भी पेशकश की बात कही थी। सुमन ने अपनी को¨चग क्लास की साथी सुशीला से लेक्चर की ऑडियो क्लिप मंगाई थी, लेकिन उसने गलती से मामले से संबंधित सुनीता से हुई बातचीत की ऑडियो क्लिप भेज दी। इसमें पेपर में आने वाले प्रश्नों पर हुई बातचीत रिकॉर्ड थी। सुमन की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अपने स्तर पर जांच की। इसमें पाया कि हाई कोर्ट के ही रिक्रूटमेंट सेल के इंचार्ज रजिस्ट्रार बल¨वदर शर्मा के मोबाइल फोन से सुनीता के फोन पर साल भर में सैंकड़ों बार बात हुई है और सुनीता ही परीक्षा में टॉपर रही थी। सुशीला नाम की दूसरी लड़की रिजर्व कैटेगरी की टॉपर बनी थी। मामले की जब जांच की गई तो एसआइटी ने बल¨वदर शर्मा, सुशीला, सुनील चोपड़ा, सुनीता और उसके भाई कुलदीप के अलावा आयुषी, आयुषी के मामा सुशील भादू और पिता सुभाष गोदारा को गिरफ्तार किया था।

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