केजरीवाल की राजनीति झूठ पर निर्भर : मनोज तिवारी
भोजपूरी गायक और भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। कहा कि केजरीवाल की राजनीति झूठ पर निर्भर है।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़
भोजपूरी गायक और भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। कहा कि केजरीवाल की राजनीति झूठ पर निर्भर है। वह झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। कहा कि सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में से एक दिल्ली का कोई मॉडल नहीं, बल्कि सिर्फ केजरीवाल ही अपने आप में एक मॉडल हैं। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से 20,000 लीटर निश्शुल्क पानी देने के वादे पर मनोज तिवारी ने कटाक्ष किया । आरोप लगाया कि दिल्ली में मुफ्त बिजली के नाम पर केवल 12 फीसद लोगों को ही फायदा पहुंचाया जा रहा है।
दैनिक जागरण से हुई विशेष बातचीत में मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में पिछले छह साल में विकास के नाम पर किसी नए प्रोजेक्ट पर काम नहीं हुआ। दिल्ली के मुख्यमंत्री को केवल झूठ बोलना आता है। उनकी राजनीति ही झूठ पर चल रही है। दिल्ली वालों को झूठ बोल कर वह मुख्यमंत्री बने। आज दिल्ली वाले केजरीवाल को वोट देकर पछता रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल चंडीगढ़ में सीसीटीवी लगाने की बात कर रहे हैं जबकि उन्होंने दिल्ली में कोई सीसीटीवी नहीं लगवाया। दिल्ली में भाजपा के सांसद अपने कोटे से सीसीटीवी कैमरे लगवा रहे हैं, जिन्हें केजरीवाल दूसरे राज्यों में जाकर अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। दिल्ली में भी केजरीवाल ने निश्शुल्क बिजली-पानी देने की बात कही थी। आज 88 फीसद लोग बिजली का तीन गुना बिल अदा कर रहे हैं। मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने अपने मेनिफेस्टो में चंडीगढ़ को स्लम फ्री बनाने की बात की है। वह यह समझते हैं कि लोग उनके झूठ को सच मानने लगेंगे। केजरीवाल से अभी तक दिल्ली स्लम फ्री नहीं हो पाई। जबकि दिल्ली के लोगों को वह आयुष्मान योजना का लाभ भी नहीं दिला पाए।
तिवारी ने कहा कि आप सरकार पर दिल्ली जल बोर्ड में 60 हजार करोड़ के गबन का आरोप हैं। उन्होंने केजरीवाल से सवाल किया कि जब उनकी पार्टी में ही कई नेता भ्रष्टाचारी हैं तो वह कैसे भ्रष्टाचार खत्म करेंगे। मोहल्ला क्लीनिक और सरकारी स्कूलों की हालत बदतर
मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की हालत बदतर है। इसी माह गलत दवा देने से चार बच्चों की मौत हुई है। 13 लोग अब भी मौत से लड़ रहे हैं। वहीं दिल्ली में एजुकेशन डायरेक्टर बच्चों से यह कहते पकड़े जाते हैं कि परीक्षाओं में अगर जवाब नहीं आता तो प्रश्न ही लिख आना।