Move to Jagran APP

पांच हजार महिलाओं ने शुरू किया स्वरोजगार

जिले की पांच हजार ग्रामीण महिलाओं ने स्वरोजगार अपनाकर अपने परिवार की आजीविका में बढ़ोतरी की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 08:32 AM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 08:32 AM (IST)
पांच हजार महिलाओं ने शुरू किया स्वरोजगार
पांच हजार महिलाओं ने शुरू किया स्वरोजगार

जागरण संवाददाता, मोहाली : जिले की पांच हजार ग्रामीण महिलाओं ने स्वरोजगार अपनाकर अपने परिवार की आजीविका में बढ़ोतरी की है। इसके लिए महिलाओं की मदद की है स्वयं सहायता समूहों यानि सेल्फ हेल्प ग्रुपों ने। जोकि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे पंजाब राज्य देहाती आजीविका मिशन का हिस्सा हैं। कहीं यह महिलाएं जूट के बैग बना रहीं हैं, तो कहीं पर ब्यूटी पार्लर चला रही हैं। कहीं पर आचार, मुरब्बा और पापड़ बनाकर अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजूबत बनाने में जुटी हैं। पंजाब राज्य देहाती आजीविका मिशन के तहत बनाए स्वयं सहायता समूहों पर बात करते हुए डीसी गिरीश दयालन ने बताया कि जिले में 360 स्वयं सहायता समूह और 17 ग्राम संगठन काम कर रहे हैं। हर स्वयं सहायता समूह में 10 से 15 महिलाएं सदस्य हैं। इनका उद्देश्य ग्रामीण गरीब बेरोजगार महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाकर आत्मनिर्भर बनाना है। इन्हीं समूहों के जरिये पांच हजार से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं ने स्वरोजगार हासिल किया है। डीसी गिरीश दयालन ने बताया कि हर समूह के बैंक खाते खुलवाए जाते हैं, जिसमें समूह की सदस्य महिलाएं अपनी बचत को जमा करती हैं। तीन महीने तक की गई बचत जमा होने के बाद योजना के तहत हर समूह को सरकार की ओर से 15 हजार रुपये का रिवाल्विग फंड जारी किया जाता है।

loksabha election banner

पांच समूहों पर बनाया जाता है ग्राम संगठन

एक गांव में जब पांच समूह तैयार हो जाते हैं, तो उस गांव में एक ग्राम संगठन बना दिया जाता है। ग्राम संगठन बनने के बाद सरकार हर 6 महीने में 50 हजार तक का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड जारी करती है। जिसका मकसद समूह की महिला सदस्यों को रोजगार शुरू करने या उसे बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना है। समूह की महिला सदस्यों को स्वरोजगार शुरू करने के लिए बैंक से सात प्रतिशत की दर पर कैश क्रेडिट लिमिट यानि सीसीएल की सुविधा भी दी जाती है। डीसी ने बताया कि जिले के 121 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विग फंड और 17 समूहों को सीसीएल सुविधा उपलब्ध करवाई है। खरड़ के गांव गीगो माजरा का सेवा भलाई आजीविका स्वयं सहायता समूह, गांव दाऊं का एकता समूह, गांव पीर सोहाणा के फतेह सिंह समूह के अलावा माजरी ब्लॉक के गांव लखनौर का नई सोच स्वयं सहायता समूह और गांव माजरी का प्रथम स्वयं सहायता समूह सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। डेराबस्सी के गांव अमलाला का फतेह स्वयं सहायता समूह हाथ से बने ऊनी कपड़े तैयार कर रहा है, ब्यूटी पार्लर चला रहा है और आचार-मुरब्बे भी तैयार कर रहा है। इन समूहों ने कोरोना काल के दौरान 20 हजार मास्क तैयार कर अलग-अलग विभागों को दिए। घर में ही शुरू की किरयाना की दुकान

परमजीत कौर गांव अमलाला में रहती हैं। आर्थिक तंगी ऐसी कि गुजारा भी मुश्किल से होता था। अब किरयाना की दुकान चला रही हैं। दुकान से होने वाली आमदनी से आर्थिक सहारा मिला, तो परिवार का गुजर बसर ठीक से हो पा रहा है। परमजीत कौर बताती हैं कि जब से स्वयं सहायता समूह बनने शुरू हुए तो उनमें झिझक थी। परिवार की आर्थिक तंगी के कारण वह बचत के पैसे नहीं दे सकती थीं। योजना से जुड़ी टीम और अन्य महिला सदस्यों ने उसे प्रोत्साहित किया तो वह समूह से जुड़ीं। उन्होंने कहा कि ग्राम संगठन से पांच हजार रुपये का कर्ज लेकर घर में ही किरयाना की छोटी सी दुकान शुरू की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.