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नियुक्ति के पांच माह बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर के पांच सलाहकारों ने दिया इस्तीफा

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के पांच सलाहकारों ने इस्‍तीफा दे दिया है। उन्‍होंने यह इस्‍तीफा अपनी नियुक्ति के पांच माह बाद दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 09:08 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 09:08 AM (IST)
नियुक्ति के पांच माह बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर के पांच सलाहकारों ने दिया इस्तीफा
नियुक्ति के पांच माह बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर के पांच सलाहकारों ने दिया इस्तीफा

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पांच सलाहकारों ने नियुक्ति के पांच माह बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। एक सलाहकार अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग पहले ही पद छोड़ चुके हैं। इनकी नियुक्ति पिछले साल सितंबर में हुई थी। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (लाभ का पद) बिल-2019 पर आपत्ति के साथ फाइल एडवोकेट जनरल (एजी) ऑफिस को लौटा दी है। इसके बाद ही पांचों विधायकों ने सीएम के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया।

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मुख्यमंत्री ने इंतजार करने को कहा, वडि़ंग पहले ही छोड़ चुके हैं पद

कैप्टन सरकार ने छह विधायकों को सलाहकार नियुक्त करने के लिए ऑफिस ऑफ प्रॉफिट बिल-2019 विधानसभा में लाकर विधायकों को इसके दायरे से बाहर कर दिया था, लेकिन जब फाइल राज्यपाल के पास गई तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए कई सवाल पूछ लिए। इन सवालों का जवाब तैयार करके फाइल जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ने कानूनी राय के लिए एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को भेज दी। सूत्रों का कहना है कि अतुल नंदा ने मुख्यमंत्री से बात करने के बाद फाइल लौटा दी है।

राज्यपाल ने सरकार के पारित बिल पर सवाल उठाते हुए लौटाई थी फाइल

कैप्टन सरकार ने विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों, अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग, इंद्रबीर सिंह बुलारिया, संगत सिंह गिलजियां को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया था। तरसेम सिंह डीसी और कुलजीत नागरा को सलाहकार (योजना) नियुक्त किया गया था। सभी को कैबिनेट मंत्री का रैंक दिया गया। इनमें से राजा वडि़ंग अपना इस्तीफा पहले ही दे चुके हैं। हालांकि, यह भी जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री ने फिलहाल इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है और सभी विधायकों को आश्वासन दिया है कि वह अभी इंतजार करें। वह उनके लिए कुछ करेंगे।

विधायक बोले- बिल पास होने तक नहीं संभालेंगे पद

एक विधायक ने इस बात की पुष्टि की है कि वे मंगलवार शाम को सीएम से मिले थे। हमने उनसे कहा कि हम अपना पदभार तभी ग्रहण करेंगे, जब राज्यपाल बिल को पास कर देंगे। अब काफी समय बीत चुका है, इसलिए हमारा इस्तीफा ले लिया जाए, लेकिन सीएम ने कहा कि वे अभी इंतजार करें। इन सभी विधायकों को पूरा स्टाफ व ऑफिस मुहैया करवा दिया गया था।

राज्यपाल ने अधिकार व वैधानिकता पर उठाया था सवाल

राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने मुख्यमंत्री के सलाहकारों के अधिकार व कर्तव्य, योग्यता व भत्ते, वैधानिकता व जवाबदेही से जुड़े सवाल पूछते हुए फाइल लौटा दी। उन्होंने नियुक्ति के वित्तीय प्रभाव पर भी सवाल पूछे थे। सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता ने हालांकि फाइल लौटाने की बात का तब खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि राज्यपाल ने विधेयक को लेकर राज्य सरकार से कुछ स्पष्टीकरण मांगा है।

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