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मां बोली- साहब बस एक बार अपने बच्चे को दूध पिलाने दो..., जानें मजबूूर मां की अजीब दास्‍तां

पंजाब के मोहाली क्षेत्र के बलौंगी की एक मजबूर मां की दास्‍तां भावुक कर देती है। करीब एक माह पहले अपने बच्‍चे को जन्‍म देने वाली मां उसे दूध तक पिलाने को तरस रही।

By Edited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 02:35 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:18 PM (IST)
मां बोली- साहब बस एक बार अपने बच्चे को दूध पिलाने दो..., जानें मजबूूर मां की अजीब दास्‍तां
मां बोली- साहब बस एक बार अपने बच्चे को दूध पिलाने दो..., जानें मजबूूर मां की अजीब दास्‍तां

मोहाली, [रोहित कुमार]। यहां जिला बाल सुरक्षा कार्यालय में अजीब आैर दिल को झकझोर देने वाला दृश्‍य था। मां अपने नवजात बच्‍चे को दूध पिलाने के लिए गुहार लगा रही थी, लेकिन अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा। बलौंगी की रहने वाली यह महिला अपने नवजात बच्चे को दूध पिलाने के लिए जिला बाल सुरक्षा कार्यालय में अधिकारियों से गुहार लगाती रही, लेकिन उसे ऐसा नहीं करने दिया गया। इस मां की विवशता भी अजीब और आंखों में पानी लाने वाली है।

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मामला बच्चे की कस्टडी को लेकर है। बलौंगी की दो महिलाएं बच्चे की कस्टडी को लेकर आपस में उलझ रही हैं। फिलहाल मामला जिला बाल संरक्षण कल्‍याण समिति के पास है। नवजात की कस्टडी मां के पास न होकर उस महिला के पास है, जिसने असल मां की डिलीवरी का खर्च उठाया। पहले तो खर्च उठाने वाली महिला ने यह रकम  वापस देने के बाद बच्चा लौटाने की बात कही, लेकिन बाद में मुकर गई।

यह था दोनों महिलाओं में समझौता

बलौंगी के आजाद नगर में रहने वाली अनीता का पति उसके गर्भवती होने के बाद सात महीने पहले छोड़कर चला गया। उसके दो बच्‍चे पहले से ही थे। गर्भवती अनीता मजदूरी कर अपना व दो बच्चों का पालन पोषण कर रही थी। अनीता ने अपनी दास्तां अपनी पड़ोसन को बताई। उसने जिसने आदर्श नगर की रहने वाली सुरिंदर कौर नाम की महिला से अनीता को मिलवाया।

बाल संरक्षण कल्‍याण कार्यालय में बच्‍चे के साथ सुरिंदर कौर और उससे बात करती बच्‍चे की मां अनीता।

उसकी मजबूरी जानने के बाद सुरिंदर कौर ने अनीता का डिलीवरी का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली लेकिन उसने शर्त रखी कि जन्म के बाद बच्चा वह ले लेगी। मजबूर अनीता इस पर राजी हो गई। इसके बाद सुरिंदर कौन ने अनीता का ध्‍यान रखना शुरू कर दिया। अनीता को इलाज मोहली के फेज-6 स्थित सिविल अस्पताल में चलने लगा।

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इसके बाद सुरिंदर कौर ने 10 अगस्त को अनीता की डिलीवरी फेज-छह के सिविल अस्‍पताल में नहीं करवा फेज-3बी1 स्थित एक प्राइवेट क्लीनिक में करवाई। अनीता ने लड़के को जन्म दिया लेकिन इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। क्लीनिक के प्रबंधकों ने अनीता को सेक्टर-16 के अस्पताल पहुंचाया। वहां नौ दिनों तक उसका इलाज चला। इस बीच बच्‍चे को सुरिंदर कौर ले गई।

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अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अनीता ने सुरिंदर को फोन कर बच्चे को देखने की इच्‍छा जताई, लेकिन सुरिंदर कौर ने मना कर दिया। बार-बार अनुरोध के बाद भी सुरेंदर कौर ने मां को उसके बच्‍चे से नहीं मिलने दिया। बच्‍चे से मिलने के लिए तड़प रही मां ने सुरिंदर से उसे वापस देने की मांग करने लगी। इस पर सुरिंदर ने कहा कि उसकी डिलीवरी पर जो उसने 22 हजार खर्च किया हैं, वह उसे वापस कर दे बच्चा ले जाए।

अनीता के अनुसार, उसने सुरिंदर से कहा कि वह थोड़े-थोड़े पैसे देकर उसका कर्जा उतार देगी। लेकिन बाद में पैसा वापस देने के बात पर ही सुरिंदर बच्‍चा देने से मुकर गई। इसके बाद अनीता गांव के गई लोगों के साथ बलौंगी थाने पहुंची और शिकायत दी। पुलिस ने उसे जिला बाल सुरक्षा के दफ्तर में भेज दिया। इसके बाद मामला जिला बाल संरक्षण कल्‍याण समिति पहुंच गया।

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इस पर सुनवाई के लिए अनीता और सुरिंदर कौर जिला बाल संरक्षण कल्‍याण समिति के कार्यालय पहुंचीं। यहां सुरिंदर कौर की गोद में बच्‍चे को देख मां की ममता जाग उठी। उसने सुरिंदर से बच्‍चे को बस एक बार गोद में देने और दूध पिलाने देने की गुहार लगाई, लेकिन उसने इससे साफ मना कर दिया। अनीता ने वहां मौजूद अधिकारियों से भी मिन्‍नतें कीं, साहब एक बार अपने बच्‍चे को दूध पिला लेने दो। लेकिन, किसी का दिल नहीं पसीजा और एक मां की ममता प्‍यासी ही रह गई।

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'' एक महीना पहले अनीता ने बच्चा देने की बात की थी, क्योंकि वह अकेली थी और उसका पति उसे छोड़कर चला गया है। इसलिए वह तीसरे बच्चे का खर्च नहीं उठा सकती थी। बच्चा अनीता का ही है, पर मैं बच्चा उसे नहीं दूंगी। कमेटी वालों ने बच्चा मेरी कस्टडी में दिया है। उन्होंने मेरी वीडियोग्राफी भी की है। कमेटी ने बच्चे की जिम्मेदारी मुझे दी है, इसलिए मैं अनीता को उससे मिलने नहीं दूंगी।

                                                                                   - सुरिंदर कौर, डिलीवरी का खर्च उठाने महिला।

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'' दोनों पक्षों की शिकायतें आई हैं और जाच की जा रही है। इसके लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। मामले को जल्द निपटा दिया जाएगा।

                                                                                    - नवदीप कौर, जिला बाल कल्‍याण अधिकारी।

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