Chandigarh Lockdown News: चंडीगढ़ से यूपी और नेपाल के लिए बसों से लौटने लगे मजदूर
कोरोना की वजह से कहीं फिर लॉकडाउन न लग जाए इसको देखते हुए घर वापसी का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के कामगार इसी जुगत में लगे हैं कि लॉकडाउन लगे इससे पहले किसी तरह से घर पहुंच लिया जाए।
चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। कोरोना महामारी ने जिंदगी को फिर एक साल पीछे धकेल दिया है। आस-पास जो घट रहा है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे वर्ष 2020 को दोबारा रिवर्स कर देखा जा रहा है। पिछले साल भी इन दिनों में ऐसा ही चल रहा था। कोरोना की वजह से कहीं फिर लॉकडाउन न लग जाए इसको देखते हुए घर वापसी का सिलसिला फिर शुरू हो गया है।
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के कामगार इसी जुगत में लगे हैं कि लॉकडाउन लगे इससे पहले किसी तरह से घर पहुंच लिया जाए। हालांकि प्रशासन अपने स्तर पर यह स्पष्ट कर चुका है कि अभी लॉकडाउन लगाने की कोई संभावना नहीं है। फैक्ट्रियां और उद्योग बंद नहीं होंगे। यह चलते रहेंगे। बावजूद इसके लोगों के दिल से भय दूर नहीं हो रहा।
कहीं पैदल न जाना पड़े इसलिए मुहं मांगा किराया दे रहे
पिछले साल एकदम से लॉकडाउन लगा सब बंद कर दिया गया। जिससे लोगों के काम धंधे बंद हो गए। खाने की दिक्कत बढ़ी मकान का किराया देने को पैसे नहीं बचे तो कामगार जैसे तैसे घरों को निकल लिए। हजारों लोगों को पैदल ही मीलों का सफर तय करना पड़े। पैदल के डर से अब वह मुहंमांगा किराया देकर घर लौट रहे हैं। चंडीगढ़ के सभी आउटर प्वाइंट से ट्रांसपोर्टर प्राइवेट बसें अवैध तरीके से चला रहे हैं। आउटर से यह बसें फुल होकर यूपी बिहार के लिए निकल रही हैं। दड़वा, आईएसबीटी सेक्टर-43 के सामने मोहाली की तरफ, पंचकूला इंडस्ट्रियल एरिया जैसी जगहों से बसें चल रही हैं। बस में प्रति सवारी दो से पांच हजार रुपये तक लिए जा रहे हैं। पहले लांग रूट की सवारियों को ही बिठाया जाता है सीट बचने पर बीच रास्ते की सवारियों को एडजस्ट किया जा रहा है।
न टोल, बिना टैक्स चल रही बस
इन दिनों उत्तर भारत में अधिकतर जगह टोल प्लाजा बंद पड़े हैं। किसान आंदोलन की वजह से यह कई महीनों से नहीं चल रहे। बस चालक सवारियों से भले ही मुहंमांगा किराया ले रहे हैं। लेकिन खुद रास्ते में पड़ने वाले टोल बंद होने से खूब पैसे बचा रहे हैं। इसी तरह से रोड टैक्स और परमिट भी इन दिनों कम ही चैक किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन कोरोना प्रोटोकॉल ड्यूटी में व्यस्त है। जिससे रोड टैक्स और परमिट के बिना भी बसें भेजी जा रही हैं।