कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से बातचीत से पहले 12 नवंबर को बैठक करेंगे पंजाब के किसान संगठन
केंद्र सरकार ने किसानों को 13 नवंबर को बातचीत का न्योता दिया है। इससे पहले पंजाब के किसान संगठन 12 नवंबर को आपस में बैठक करेंगे। किसानों का कहना है कि अभी उन्हें बातचीत की लिखित जानकारी नहीं मिली है।
चंडीगढ़ [इंद्रप्रीत सिंह]। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले डेढ़ महीने से विरोध कर रहे किसान संगठनों के साथ 13 नवंबर को पहली बार केंद्र सरकार की बातचीत होगी। हालांकि 14 अक्टूबर को भी एक बार केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन उस मीटिंग में कोई भी मंत्री न होने के चलते यह बात किसी सिरे नहीं चढ़ सकी। इस मीटिंग में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ही मौजूद थे। किसान संगठन तीन कृषि कानूनों के बारे में क्या सोच रखते हैं और किन मदों को लेकर उनकी आशंकाएं हैं इसको लेकर तैयार किया गया ज्ञापन उन्होंने कृषि सचिव को सौंप दिया।
13 नवंबर को होने वाली यह मीटिंग दो कारणों से महत्वपूर्ण है। पहला यह कि किसान संगठन झुके हैं, जबकि 14 अक्टूबर को जब मंत्रियों के न रहने के चलते मीटिंग असफल रही थी तो उन्होंने ऐलान किया था कि अब वे दिल्ली में नहीं आएंगे, सरकार को ही चंडीगढ़ आना होगा। दूसरा, केंद्र सरकार ने यह कहा था कि पहले सचिव स्तर पर ही बात होगी, उसके बाद मंत्री स्तर की बात होगी। अब केंद्र सरकार ने भी अपने सीनियर मंत्रियों को किसान संगठनों के साथ बातचीत करने पर लगाया है। साफ है कि केंद्र सरकार इस गतिरोध को तोड़कर आगे बढ़ना चाहती है।
केंद्र सरकार से बातचीत करने और इसमें किन मुद्दों को उठाया जाना है, उसको लेकर किसान संगठनों ने अपनी मीटिंग 12 नवंबर को बुला ली है। संगठनों की तालमेल कमेटी के मेंबर बलबीर सिंह राजेवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए अभी तक लिखित में कोई न्यौता नहीं आया है। हम पहले ही उन्हें केंद्र सरकार को लिखित में अपनी आशंकाओं से व्यक्त करवा चुके हैं। अब यह उन पर निर्भर करता है कि उन्हें किसानों की आशंकाएं दूर करनी हैं कि नहीं।
राजनीतिक पार्टियों ने निभाई भूमिका
इस गतिरोध को तोड़ने, पंजाब में रेल आवाजाही फिर से शुरू करने आदि को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने भी अपनी भूमिका निभाई। कांग्रेस के आठ सांसद इस मामले को लेकर जहां गृहमंत्री अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिले, वहीं भाजपा के प्रांतीय और राष्ट्रीय नेता केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की अगुवाई में रेल मंत्री से मिले। इसके अलावा उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी कहा कि वह किसानों से बातचीत फिर से शुरू करवाने में सरकार के साथ बात करें।