धान खरीद में देरी पर किसानों का फुटा गुस्सा, मोहाली में बलबीर सिद्धू और खरड़ में सीएम चन्नी की कोठी का किया घेराव
धान खरीद में देरी के विरोध में शनिवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए किसानों ने मोहाली के विधायक बलबीर सिंह सिद्धू और खरड़ में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर का घेराव किया। मौके पर पुलिस बल भी तैनात किया गया था।
जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाब में धान की सरकारी खरीद की तारीख एक से 11 अक्टूबर बढ़ाए जाने के फैसले के खिलाफ किसान वर्ग गुस्से में है। सरकार के इस फैसले से किसानों में रोष है। जिला मोहाली के अधीन आने वाले मंडियों में किसान अपनी धान की फसल लेकर पहुंच चुके हैं। ऐसे में गुस्साए किसानों ने अब कांग्रेसी विधायकों के घर का घेराव करना शुरू क दिया है।
शनिवार को मोहाली के विधायक बलबीर सिंह सिद्धू के घर का किसानों ने घेराव किया। वहीं, खरड़ में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर का भी घेराव किया गया। मौके पर पुलिस बल भी तैनात किया गया था। किसानों का कहना है कि फसलों की खरीद करवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। अगर केंद्र देरी कर रहा है तो राज्य सरकार केंद्र से बातचीत करें। किसान नेता जसबीर सिंह ने कहा कि 75 फीसद खरीद राज्य के जरिये होती है तो खरीद में देरी क्यों। ये किसानों पर दबाब बनाया जा रहा है, लेकिन किसान नहीं झुकेंगे।
उधर, शनिवार को हल्की बरसात के कारण किसानों की चिंता ओर बढ़ गई। धनोनी स्थित अनाज मंडी में पिछले एक हफ्ते से किसान अपना धान लिए बैठे हैं, लेकिन जब कल अचानक उनको पता चला कि अब धान की सरकारी खरीद 11 अक्टूबर से शुरू होनी है तो वह काफी मायूस हैं हो गए। किसानों का कहना है कि सरकार की कुर्सी की लड़ाई में धान की खरीद पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया ना ही कोई योजना बनाई , जिससे किसान मंडियों में परेशान होने के लिए मजबूर हो गया है। गांव इस्सापुर से पहुंचे किसान गुरनाम सिंह का कहना है कि वह पिछले 1 हफ्ते से यहां पर अपना धान लेकर आए हुए हैं और अब 10 दिन और बैठना पड़ेगा। ना तो इस धान को घर ले जा सकते हैं और ना ही यहां अकेला छोड़ सकते हैं ऊपर से पिछले 2 दिनों से हो रही बरसात में धान को गिला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार करने पर तुली है। धान की सरकारी खरीद को समय से शुरू न करना सरकार की नालायकी है।
गांव भांखरपुर से आए किसान बलबीर सिंह ने आरोप लगाया कि देर से फसल खरीद का उक्त फैसला किसान और फसल बर्बाद कर सकता है.किसानों का कहना है कि कुछ ही हिस्सों में बारिश ज्यादा हुई है, ऐसे में जिन इलाकों में फसल तैयार खड़ी है कम से कम वहां पर तो खरीद प्रक्रिया शुरू की जाए। धनोनी की मंडी में आसपास के गाँवो से किसान अपनी फसल लेकर आते है। बहुत से ऐसे किसान भी है जो अपनी फसल बरवाला और पंचकूला की मंडी में भी लेकर जाते है। खरड़ व अन्य अनाज मंडियों में भी हालत ऐसे ही है।