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किसान के बेटे ने बनाया साइक्लों एग्रीकल्चर प्रेक्टिस मॉडल, एेसे करेगा किसानाें की मदद Chandigarh News

एससीईआरटी में साइंस फेयर की शुरूआत हुई। इसमें एक छात्र की ओर से तैयार साइकिल से खेत जोतने के मॉडल को काफी सराहना मिली। इस बीच अन्य बच्चों ने भी आकर्षक मॉडल पेश किए।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 12:32 PM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 12:32 PM (IST)
किसान के बेटे ने बनाया साइक्लों एग्रीकल्चर प्रेक्टिस मॉडल, एेसे करेगा किसानाें की मदद Chandigarh News
किसान के बेटे ने बनाया साइक्लों एग्रीकल्चर प्रेक्टिस मॉडल, एेसे करेगा किसानाें की मदद Chandigarh News

चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में बुधवार से शुरू हुए साइंस फेयर में करीब 66 स्कूलों के बच्चों ने 135 मॉडल प्रदर्शित किए। प्रदर्शनी में आइएस देव समाज स्कूल सेक्टर -21 के स्टूडेंट्स सचिन भोरिया और वंश बिरला ने किसानों को लेकर एक आकर्षक मॉडल पेश किया। इस मॉडल का नाम है साइक्लों एग्रीकल्चर प्रेक्टिस।

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सचिन ने बताया कि वह किसान का बेटा है और उनकी दशा को अच्छे से जानता है। हमारे देश में कई किसान ऐसे हैं, जो खेती के लिए न तो ट्रैक्टर का प्रबंध कर सकते हैं और न ही बैलों का। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ऐसा उपकरण बनाने का फैसला किया जो गरीब किसानों की मदद कर सके।

एक हफ्ते में तैयार किया मॉडल

अपना मॉडल दिखाता सॉपिंस स्कूल-32 का छात्र।

सचिन और वंश ने बताया कि मॉडल को बनाने में सप्ताह भर का समय लगा। यह मॉडल साइकिल पर आधारित है, जिसको इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि किसान इसका आसानी से प्रयोग कर सकते हैं। इस उपकरण में कल्टिवेटर के साथ-साथ बीज बोने के लिए एक बकेट भी लगाया गया है। इसके अलावा रात में प्रयोग के लिए दो एलईडी बल्ब भी लगाए गए हैं। अगर कोई पैडल मारते हुए थक जाता है तो साइकिल में मोटर लगाई गई है, जिससे साइकिल को बिना पैडल मारे चलाया जा सकता है।  मॉडल में कई और फीचर्स भी हैं।

आरआइएफडी टेक्नोलॉजी से एंबुलेंस को मिलेगा रास्ता

एससीईआरटीमें आयोजित फेयर में अपने मॉडल के साथ गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल विकास नगर के बच्चे

साइंस फेयर में एक और मॉडल आकर्षित का केंद्र रहा। यह मॉडल है दिल्ली पब्लिक स्कूल सेक्टर-40 के छात्र सिद्धांत का। सिद्धांत ने बताया कि वह हमेशा से देखते हैं कि एंबुलेंस को निकलने में बहुत परेशानी होती है। जब एंबुलेंस अस्पताल से निकलती है उसको एक तकनीक द्वारा स्कैन किया जाता है।

स्कैन कार्य में करीब 2 से तीन घंटे खराब हो जाते हैं। उन्होंने आरएफआइडी तकनीक का प्रयोग कर एंबुलेंस को जल्दी स्कैन करने का मॉडल बनाया है। इस तकनीक से एंबुलेंस को जाम से निकलने में भी असानी होगी। इस मॉडल को बनाने में करीब 5 से 6 दिन का समय लगा है।

मॉडल में दिखा कैसे लगेगी ट्रैफिक लाइट तोड़ने वालों पर नकेल

गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल विकास नगर के बच्चों ने ट्रैफिक लाइट तोड़ने वालों पर नकेल कसने के लिए मॉडल बनाया। अपशिष्ट पदार्थों से स्कूल के स्टूडेंट्स निशा और हिमांशु ने ट्रैफिक लाइट्स का मॉडल तैयार किया है। मॉडल में बताया कि किस तरह से लोग रेड लाइट जंप करते हैं और वही हादसों का कारण बनता है। मॉडल में मोटर का प्रयोग किया गया है, जिसके द्वारा यह दिखाया गया है कि अगर कोई रेड लाइट जंप करता है तो उसके आसपास लगे सेंसर से जमीन में से स्पाइक निकलेंगे, जिससे गाड़ी पेंचर हो जाएगी, लेकिन एंबुलेंस और फायर ब्रीगेड की गाड़ी के जाने पर ऐसा नहीं होगा।

चालक ने शराब पी है तो कार नहीं होगी स्टार्ट

सॉपिंस स्कूल सेक्टर-32 के एकम और सहजवीर ने ऐसा मॉडल पेश किया जो पानी में गिरने पर गाड़ी को डूबने नहीं देगा। अगर चालक ने शराब पी है तो कार स्टार्ट ही नहीं होगी। इस मॉडल को ईपीवी इनीटी प्रोटेक्शन व्हीकल का नाम दिया गया है। इसमें क्रैस फिक्शन, एलकोहल सेंसर और फ्लोटिंग डिवाइस लगे हैं। इससे अगर कार पानी में गिर जाती है तो वह डूबेगी नहीं। वहीं क्रैस फिक्शन से गाड़ियों के आपस में ठकराने की समस्या से निजात मिलेगा।

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