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Kisan Andolan: PU चंडीगढ़ में छात्रों के समर्थन में आए किसान नेता गुरनाम चढूनी, बोले- देश का किसान आज वेंटीलेटर पर

चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी कुलपति दफ्तर के सामने स्टूडेंट फॉर सोसायटी की ओर से आयोजित धरने में भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह और दूसरे कई किसान नेता पहुंचे जिसमें उन्होंने छात्रों की मांगों का समर्थन किया ।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 04:05 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 04:05 PM (IST)
Kisan Andolan: PU चंडीगढ़ में छात्रों के समर्थन में आए किसान नेता गुरनाम चढूनी, बोले- देश का किसान आज वेंटीलेटर पर
भारतीय किसान नेताओं ने भी पीयू में छात्रों की मांगों का समर्थन देना शुरू कर दिया है।

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में बीते करीब दो महीने से चल रहे छात्र संगठनों के विरोध प्रदर्शन को भारतीय किसान नेताओं ने भी समर्थन देना शुरू कर दिया है। मंगलवार पंजाब यूनिवर्सिटी कुलपति दफ्तर के सामने स्टूडेंट फॉर सोसायटी की ओर से आयोजित धरने में भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह और दूसरे कई किसान नेता पहुंचे, जिसमें उन्होंने छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि वह छात्रों के हकों के लिए उनके साथ खड़े हैं । कोरोना महामारी के बीच थी पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस की अनुमति के बिना ही 200 के करीब छात्र समर्थक और किसान नेताओं ने करीब 2 घंटे तक सड़क पर बैठ कर विरोध किया।

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गुरनाम सिंह ने कहा कि इस समय भारतीय किसान वेंटिलेटर पर है, लेकिन सरकार किसानों के हक को लेकर कोई भी फैसला लेने को तैयार नहीं है । उन्होंने कहा कि कई बार सरकार के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा जा चुका है। लेकिन किसानों के हित में कोई बात नहीं की जा रही, कोई भी आंदोलन अहिंसा से ही सफल हो सकता है लेकिन उसमें अनुशासन होना बहुत जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम किसी पर भी हाथ नहीं उठाएंगे और किसी भी तरह के जान माल की रक्षा करना हम सब का फर्ज है ।गुरनाम सिंह ने कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ नीति कारों के खिलाफ है, जो किसान विरोधी हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी आंदोलन में वही नेता सफल होता है। जिसके साथ बेहतर और अनुशासित टीम हो।

किसान आंदोलन के लगातार कमजोर पड़ने सवाल पर गुरनाम सिंह ने कहा कि आज भी 45 डिग्री तापमान में हजारों की संख्या में किसान दिल्ली में डटे हुए हैं और अपनी मांगे पूरी होने पर ही वहां से हटेंगे । कृषि कानूनों पर गुरनाम सिंह ने कहा कि सरकार से 23 फसलों पर एमएसपी निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा गया।लेकिन उसे सिरे से नकार दिया गया। किसान आंदोलन की आड़ में धरने पर बैठे लोगों की हत्या और दुष्कर्म जैसे मामलों के सवाल पर गुरनाम सिंह में कहा कि इसे बेवजह कुछ लोग तूल दे रहे हैं, ऐसी घटनाएं तो देश के हर इलाके में होती हैं ।कृषि कानून मामलों में कब तक सहमति बनने के सवाल पर गुरनाम सिंह ने कहा कि हमारी तरफ से पहल की जा चुकी है, अब फैसला सरकार को करना है लेकिन किसानों के हकों को लेकर किसी तरह की समझौता नहीं किया जाएगा।

कोविड-19 की उड़ी खुलेआम धज्जियां...

पंजाब यूनिवर्सिटी में मंगलवार को छात्र संगठनों द्वारा आयोजित धरने में कोविड-19 की खुलेआम धज्जियां उड़ी।बिना अनुमति के ही 200 से अधिक स्टूडेंट्स और किसान नेता एक जगह पर इकट्ठे हुए बहुत से लोगों ने मास्क भी नहीं पहना था। फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी कोई ख्याल नहीं रखा गया। पूरे मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि किस तरह इस तरह के आयोजन को मंजूरी दे दी गई। मामले में एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रशासन की अनुमति के बगैर कैसे इस तरह का आयोजन हो सकता है। पूरे मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी को ही फैसला लेना था। पुलिस का काम सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था को देखना था इसके लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।

किसान नेताओं के पंजाब यूनिवर्सिटी में बुलाने को लेकर छात्र संगठनों द्वारा किसी तरह की कोई अनुमति नहीं ली गई थी इस बारे में छात्रों द्वारा सिर्फ जानकारी दी गई थी।

रेणुका सालवन, डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़


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