Move to Jagran APP

बच्चा चोर गिरोह के पांच सदस्यों को 14-14 साल की कैद

पंजाब के बच्चा चोर गिरोह के पांच सदस्यों को जिला अदालत ने 14-14 साल की सजा सुनाई। इसके अलावा सभी दोषियों पर 1 लाख 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। दोषियों में दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 08:37 PM (IST)
बच्चा चोर गिरोह के पांच सदस्यों को 14-14 साल की कैद
बच्चा चोर गिरोह के पांच सदस्यों को 14-14 साल की कैद

वैभव शर्मा, चंडीगढ़

loksabha election banner

पंजाब के बच्चा चोर गिरोह के पांच सदस्यों को जिला अदालत ने 14-14 साल की सजा सुनाई। इसके अलावा सभी दोषियों पर 1 लाख 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। दोषियों में दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। ये लोगों को मोटी रकम में बच्चे बेचते थे।

वीरवार को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश (एडीजे) नरेंद्र की अदालत में पांचों दोषियों को पेश किया गया। दोषियों ने जज से सजा कम करने की अपील की और अपने कृत्य के लिए माफी मांगी, जिसे अदालत ने नकार दिया। एडीजे नरेंद्र ने कहा कि ऐसे संगीन अपराधों के लिए माफी नहीं दी जा सकती। सजा पाने वाले दोषियों में सेक्टर-45 की भावना, पटियाला के गांव जाहलां की 32 वर्षीय कुलदीप कौर, जिला संगरुर के गांव निम्शा की सरबजीत कौर, लुधियाना के गांव जलालदीवाल का 35 वर्षीय मनदीप सिंह और खरड़ सेक्टर-14 स्थित शिवजोत एन्क्लेव गुरु तेज बहादुर नगर का निवासी 29 वर्षीय अमरजीत सिंह शामिल है। अमरजीत सिंह पंजाब पुलिस का कांस्टेबल था। वह इस गिरोह का मास्टरमाइंड भी था। मनदीप सिंह लुधियाना में हेल्थ वर्कर का काम करता था। संगरुर की रहने वाली सरबजीत कौर और पटियाला की रहने वाली कुलदीप कौर बच्चों को चोरी करती थी। यह गिरोह अलग-अलग जगहों से बच्चे चोरी करता था और अपने नुमाइंदों के जरिए उनका सौदा करता था। लड़की के लिए 40 से 50 हजार और लड़के का चार से पांच लाख रुपये में करते थे सौदा

यह गिरोह काफी साल से सक्रिय था और ऐसी कई वारदातों को अंजाम दे चुका था। साल 2020 में इस गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब अपराधियों ने चंडीगढ़ सेक्टर-37 के रहने वाले रविद्र कुमार को बच्चा बेचने की डील फाइनल की। यह गिरोह एक लड़की को 40 से 50 हजार और लड़कों के लिए चार से पांच लाख रुपये में बेचते थे। गिरोह से संपर्क करने वाले ज्यादातर लोग लड़कों की मांग करते थे। रविद्र ने किया था सौदा, साथ मिलकर पुलिस ने बनाई गिरोह का पर्दाफाश करने की रणनीति

रविद्र की ओर से पुलिस को दी शिकायत के अनुसार उसे एक बार बच्चा चोर गिरोह का पता चला। रविद्र को इसी गिरोह के किसी सदस्य का मोबाइल नंबर मिला, जिस पर कॉल की गई। कॉल किसी महिला ने उठाई थी और रविद्र ने उससे लड़का लेने की बात की। दोनों के बीच लड़का लेने का सौदा चार लाख रुपये में तय हुआ। इसके बाद रविद्र ने जाकर पुलिस में इसकी जानकारी दे दी। इसके बाद गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस ने पूरी योजना बनाई। एयरपोर्ट लाइट प्वाइंट से हुए थे गिरफ्तार

बच्चे को बेचने की जो जगह निश्चित की गई थी, वहां पर रविद्र भी पहुंचा। एक आल्टो कार में सवार होकर पांच लोग (दो पुरुष और तीन महिलाएं) वहां आए। उनमें से एक महिला की गोद में एक-दो दिन का नवजात शिशु था। बच्चा दिखाने के बाद उस महिला ने पैसे मांगे। इतने में ही पुलिस ने वहां पहुंचकर गिरोह को दबोच लिया। बयान से मुकर गया था मुख्य शिकायतकर्ता

इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता अपने बयानों से मुकर गया था। इसके बाद केस का आगे बढ़ना मुश्किल लग रहा था, लेकिन जो बच्चे चोरी हुए थे उनके अभिभावकों की शिकायत पर यह केस आगे बढ़ा और पुलिस ने बनती कारवाई की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.