दोपहर के बजाय रात को दोगुना हो जाता है सेटिंग का रेट
दोपहर को ही नहीं, बल्कि रात के समय भी वेंडरों का सरकारी जमीन पर कब्जा कायम रहता है। ये वे वेंडर हैं, जो देर शाम के बाद ही अपनी दुकानें पार्किग, फुटपाथ और सड़कों पर सजाते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : दोपहर को ही नहीं, बल्कि रात के समय भी वेंडरों का सरकारी जमीन पर कब्जा कायम रहता है। ये वे वेंडर हैं, जो देर शाम के बाद ही अपनी दुकानें पार्किग, फुटपाथ और सड़कों पर सजाते हैं। इनमें अधिकतर रेहड़ी-फड़ी फास्ट फूड की हैं। यह कारोबार भी सेटिंग से जारी रहता है। बल्कि रात के समय सेटिंग का रेट दोपहर के मुकाबले दोगुना होता है।
कंपनी वाले भी कई बार रो चुके हैं रोना
सेक्टर-17, 43 बस स्टैंड के सामने पार्किग में ही चाय और परांठे की दुकानें सज जाती हैं, जबकि यह पेड पार्किंग है। पेड पार्किंग चलाने वाली आर्य इंफ्रा कंपनी कई बार नगर निगम को यह शिकायत कर चुकी है कि उनकी पार्किग में वेंडर बैठते हैं जिस कारण गाडि़यां पार्क नहीं होती। अधिकतर फड़ियां रात को उस समय लगती है, जब अतिक्रमण हटाओ दस्ते की ड्यूटी समाप्त हो जाती है और पुलिस कर्मचारी भी गायब हो जाते हैं। मालूम हो कि शहर में ऐसे कई ढाबे और रेस्तरां ऐसे हैं, जो रात के समय अपनी दुकान के बाहर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लेते हैं।
सेक्टर-22 में फुल रहती है पार्किंग
सेक्टर-22 की पार्किंग में कई ऐसी गाड़ियां हैं, जो सुबह से शाम तक खड़ी रहती हैं। इनमे वेंडर अपना सामान भरकर रखते हैं। जरूरत के अनुसार उसमें से निकालते रहते हैं। असल में इन वाहनों को वह स्टोर की तरह इस्तेमाल करते हैं। इनमें अधिकतर पुरानी वैनें हैं। सेक्टर-17 आना छोड़ दिया पर्यटकों ने इस समय सेक्टर-17 की सूरत बिगड़ गई है। अब प्लाजा को फड़ी बाजार कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। व्यापार मंडल सेक्टर-17 के महासचिव त्रिभूवन चोपड़ा का कहना है कि कई पर्यटक ऐसे हैं, जो इस फड़ी बाजार के कारण प्लाजा आना छोड़ गए हैं। रात में अलग टीमें बनाकर करेंगे चेकिंग अतिरिक्त कमिश्नर तिलक राज का कहना है कि उन्हें भी जानकारी है कि रात को शहर की अतिक्रमण बढ़ जाता है। इसके लिए भी अलग से टीमें बनाई जा रही हैं, जोकि शहर में रात 8 से 11 बजे तक बैठे अवैध वेंडरों को हटाएंगी। उनका कहना है कि जो वेंडर रात के समय अपना सामान बांधकर चले जाते हैं, उनके खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा।