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मांगों को लेकर चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय के सामने 23 अप्रैल को प्रदर्शन करेंगे कर्मचारी, यह हैं मांगें

कोआडिनेशन कमेटी आफ गवर्नमेंट एंड एमसी इंप्लाइज एंड वर्कर्स की कोर कमेटी की बैठक सेक्टर-17 में प्रधान सतिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि अब 23 अप्रैल को सभी कर्मचारी यूनियन के सदस्य कमेटी की अगुआई में चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय के आगे प्रदर्शन करेंगे।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 12:30 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 12:30 PM (IST)
मांगों को लेकर चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय के सामने 23 अप्रैल को प्रदर्शन करेंगे कर्मचारी, यह हैं मांगें
मांगों को लेकर चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय के सामने 23 अप्रैल को प्रदर्शन करेंगे कर्मचारी।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोआडिनेशन कमेटी आफ गवर्नमेंट एंड एमसी इंप्लाइज एंड वर्कर्स की कोर कमेटी की बैठक सेक्टर-17 में  प्रधान सतिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने भाग लिया। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि मांगों को लेकर कर्मचारी यूनियनें लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन प्रशासन मुलाजिमों की मांगों पर गौर नहीं कर रहा। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि अब 23 अप्रैल मंगलवार को सभी कर्मचारी यूनियन के सदस्य कमेटी की अगुआई में चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय के आगे प्रदर्शन करेंगे।

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उन्होंने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ प्रशासन ने महंगाई को अनदेखा कर डीसी रेट में सिर्फ सात फीसद बढ़ोतरी की है। आउटसोर्सिंग वर्करों का रोजगार छीना जा रहा है। अस्थायी कर्मचारियों का ठेकेदारों द्वारा लगातार शोषण किया जा रहा है। कमेटी के प्रधान सतिंदर सिंह, महासचिव राकेश कुमार, पैटर्न साम लाल घावरी, चेयरमैन अनिल कुमार ने चंडीगढ़ प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना की आड़ में आउटसोर्स कर्मचारियों का रोजगार  खत्म किया जा रहा है। जैम पोर्टल के ठेकेदारों को अस्थायी र्कमचारीयों का आर्थिक शोषण करने की खुली छूट दे रखी है और कर्मचारियों की मागों को लेकर यूटी प्रशासन गंभीर नहीं है।

ठेकेदारों की ओर से कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की जा रही है। तीन तीन महीनों तक सैलरी नहीं दी जा रही। ठेकेदार बदलने से कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाता है। ठेकेदार कर्मचारी को नौकरी में रहने के लिए 15 से 20 हजार रुपये देने के लिए मजबूर कर रहे हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों की हो रही इस लूट के खिलाफ  कमेटी लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रही है। बावजूद अधिकारी कर्मचारियों की बात सुनने को तयार नहीं हैं और कर्मचारियों को मजबूरन सड़कों पर संघर्ष करना पड़ रहा है। विभागों में खाली पड़े पदों को भरा नहीं जा रहा है। ठेकेदारों की कर्मचारियों के साथ इतनी धक्के शाही है कि इन कर्मचारियों का ईपीएफ भी जमा नहीं कराया जा रहा है। इसलिए कमेटी की अगुवाई में 23 अप्रैल को नगर निगम दफ्तर के आगे प्रदर्शन किया जाएगा।


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