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चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में खेल, कांट्रेक्ट कर्मचारियों को नौकरी से निकाल डीसी रेट पर की जा रही भर्ती

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में एक काम के लिए रखे जाने वाले कर्मचारियों के लिए दो अलग-अलग नियम लागू किए गए हैं। शहर के सरकारी स्कूलों में फोर्थ क्लास कांट्रेक्ट कर्मचारियों को नौकरी से निकाल अब डीसी रेट पर फिर से भर्ती की जा रही है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 02:44 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 02:44 PM (IST)
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में खेल, कांट्रेक्ट कर्मचारियों को नौकरी से निकाल डीसी रेट पर की जा रही भर्ती
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में खेल, कांट्रेक्ट कर्मचारियों को नौकरी से निकाल डीसी रेट पर की जा रही भर्ती।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में एक काम के लिए रखे जाने वाले कर्मचारियों के लिए दो अलग-अलग नियम लागू किए गए हैं। शहर के सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं भी हैं और इस कक्षा के बच्चों के लिए स्कूलों में दो आया की नियुक्ति होती है। कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हो गए थे। सभी कक्षाएं बंद होने के बाद शहर के विभिन्न स्कूलों से कांट्रेक्ट पर काम करने वाली नर्सरी आया कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया था। क्योंकि स्कूल बंद होने के बाद उनका काम भी स्कूल में नहीं रहा था। ऐसा हवाला देते हुए विभाग से उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया। 

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गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी करसान में कार्यरत रचना वर्ष 2018 से सेवाएं दे रही थीं। वहीं एक  जबकि सरोज की नियुक्ति वर्ष 2019 में हुई थी। दोनों ही कर्मचारियों को सितंबर 2020 में जैसे ही नया कांट्रेक्टर मिला तो उन्हें काम से निकाल दिया गया।

काम नहीं होने का बहाना लगाकर दोनों आया को हटाने के ठीक दो महीने बाद गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-26 में दो नर्सरी आया डिंपल और रिंकी की नियुक्ति की गई। इन दोनों महिला कर्मियों को डीसी रेट पर स्कूल में रखा गया। दोनों आया स्कूल में रूटीन में आ रही हैं और वेतन भी पा रही हैं।

यह है कांट्रेक्ट और डीसी रेट में फर्क

कांट्रेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी कांट्रेक्टर जिसे थर्ड पार्टी कहा जाता है उनके अधीन काम करती है और उनका वेतन 12 से 16 हजार के बीच होता है इसी प्रकार से डीसी रेट पर नियुक्त हुए कर्मचारी प्रशासन के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और स्कूल प्रिंसिपल हेड में रखे जाते है। जिनका वेतन 15 से 22 हजार रहता है और उनका कांट्रेक्ट हर साल रिन्यू नहीं होता बल्कि लगातार प्रशासन के अधीन ही काम करना होता है।

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"नर्सरी आया को रखने और निकालने का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी के अलावा स्कूल हेडमास्टर और प्रिंसिपल के पास होता है। इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।

                                                             -रूबिंदरजीत सिंह बराड़, डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन, चंडीगढ़


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