चंडीगढ़ में डीसी रेट में 10 फीसद की बढ़ोतरी नहीं होने से कर्मचारी नाराज, कल से फिर हल्लाबोल
कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी इंप्लॉइज एंड वर्कर्स यूटी चंडीगढ़ ने अब कहा है कि छह अप्रैल को कमेटी डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगी। कोर कमेटी की मीटिंग सेक्टर-25 में प्रधान सतिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई जिसमें यह फैसला लिया गया।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के कर्मचारी चंडीगढ़ प्रशासन की नीतियों से नाराज चल रहे हैं। वह प्रशासन के भरोसे को अब केवल ढकोसला समझ रहे हैं। इसलिए न्यूनतम वेतन रिवाइज्ड होने के बाद भी प्रशासन के प्रति गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
इसका कारण यह है कि वह न्यूनतम वेतन में 10 फीसद बढ़ोतरी नहीं होने से नाराज हैं। कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी इंप्लॉइज एंड वर्कर्स यूटी चंडीगढ़ ने अब कहा है कि छह अप्रैल को कमेटी डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगी। कोर कमेटी की मीटिंग सेक्टर-25 में प्रधान सतिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा वायदे अनुसार डीसी रेट न बढ़ाने की निंदा की गई।
वायदे अनुसार 10 फीसद बढ़ोतरी की मांग थी। मीटिंग में प्रधान सतिंदर सिंह और महासचिव राकेश कुमार ने कहा कि मंहगाई दर के हिसाब से डीसी रेट नहीं बढ़ाए गए, लेबर कानूनों में मजदूर विरोधी बदलाव किए जा रहे हैं, नए वेज कोड अनुसार काम के घंटे बढ़ाए जा रहे हैं, पीएफ में कटौती की दर बिना दलील के बढ़ाई जा रही है। साथ ही मौजूदा लेबर कानून लागू नहीं किए जा रहे, सुप्रीम कोर्ट के फैसले अनुसार बराबर काम के लिए बराबर वेतन नहीं दिया जा रहा, आउट सोर्सिंग वर्करों के लिए सिक्योर्ड पालिसी नहीं बनाई जा रही। ठेकेदार आउट सोर्सिंग वर्करों का आर्थिक शोषण लगातार कर रहे हैं, आउट सोर्सिंग वर्करों को वेतन भी समय पर नहीं मिलता। 15 दिन की छुट्टियां देने का नियम भी लागू नहीं की जा रहा। इसके अलावा सेवानिवृत कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा।
राकेश कुमार ने कहा कि कोऑर्डिनेशन कमेटी की सारी लीडरशिप काले कपड़े पहन कर डीसी कार्यालय के सामने 6 अप्रैल को प्रदर्शन करेगी। जिसकी पूरी जिम्मेदारी चंडीगढ़ प्रशाशन की होगी। एक साल के अंतराल बाद प्रशासन ने डीसी रेट सात फीसद बढ़ाया है। जबकि आउटसोर्स कर्मचारियों को पहले ही वेतन बहुत कम मिलता है।