चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहनों का ट्रेंड, दो साल में 1500 गाड़ियां हुई रजिस्टर्ड, पॉलिसी के तहत मिलता है फायदा
चंडीगढ़ में दो साल में 1500 इलेक्ट्रिक कार पंजीकृत हो चुकी हैं। अब इन कारों की बुकिंग और वेटिंग काफी लंबी होती जा रही है। लोकल ट्रैवल के लिए अब इलेक्ट्रिक वाहनों को वरीयता देने लगे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों काे बढ़ावा देने के लिए चंडीगढ़ में पॉलिसी बनाई गई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से हर वर्ग परेशान है। ऐसे में लोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों को तवज्जो देने लगे हैं। वहीं, वाहन कंपनियां भी इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण कर रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना अब किसी सम्मान से कम नहीं रहा। ऐसे वाहन खरीदार को लोग एक अलग ही नजर से देखते हैं। बेशक अभी यह वाहन दूसरे फ्यूल से चलने वाले वाहनों से कुछ महंगे हैं। बावजूद इसके इनकी मांग काफी बढ़ रही है।
इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले दो साल में ही चंडीगढ़ में 1500 इलेक्ट्रिक कार पंजीकृत हो चुकी हैं। अब इन कारों की बुकिंग और वेटिंग काफी लंबी होती जा रही है। लोकल ट्रैवल के लिए अब इलेक्ट्रिक वाहनों को वरीयता देने लगे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों काे बढ़ावा देने के लिए चंडीगढ़ में पॉलिसी बनाई गई है। 2023 तक इन वाहनों को रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस की छूट दे रखी है।
यही वजह है कि पिछले दो साल में ही 1500 इलेक्ट्रिक कारों का रजिस्ट्रेशन चंडीगढ़ में हो चुका है। अब कई कंपनियां अलग-अलग सेग्मेंट की इलेक्ट्रिक कार उपलब्ध करा रही हैं। अब नामी कंपनियां कार का जो नया मॉडल लांच कर रही हैं उसको इलेक्ट्रिक वर्जन में भी लांच कर रही हैं। इससे यह ट्रेंड बनने लगा है। इलेक्ट्रिक वाहनों को किस तरह की छूट कब तक और कितनी दी जाए इसके लिए प्रशासन ने एक कमेटी का गठन भी कर रखा है। यह कमेटी एक मीटिंग कर चुकी है। कमेटी इन वाहनों के लिए अपने सुझाव पर रिपोर्ट प्रशासन को देगी।
केवल इलेक्ट्रिक ऑटो का रजिस्ट्रेशन
चंडीगढ़ स्टेट ट्रांसपोर्ट अथोरिटी ने इलेक्ट्रिक को छोड़ बाकी सभी ऑटो का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से बंद कर दिया है। अब केवल इलेक्ट्रिक ऑटो का रजिस्ट्रेशन ही हो रहा है। सीएनजी, एलपीजी, पेट्रोल और डीजल ऑटो का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा। क्लीन फ्यूल वाहनों को बढ़ावा देने और ऑटो की संख्या पर नियंत्रण के लिए यह निर्णय लिया गया है।