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दसवीं पास नहीं तो छोड़नी होगी नौकरी

दसवीं पास नहीं की तो नौकरी से हाथ धोने ही होंगे। फोर्थ क्लास कर्मचारी की योग्यता दसवीं पास होना अनिवार्य है। यदि कर्मचारी दसवीं पास नहीं हैं और 15 साल से भी ज्यादा समय से काम कर रहा है तो भी उसे नौकरी से हाथ धोना ही होगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jan 2018 09:04 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jan 2018 09:04 PM (IST)
दसवीं पास नहीं तो छोड़नी होगी नौकरी
दसवीं पास नहीं तो छोड़नी होगी नौकरी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : दसवीं पास नहीं की तो नौकरी से हाथ धोने ही होंगे। फोर्थ क्लास कर्मचारी की योग्यता दसवीं पास होना अनिवार्य है। यदि कर्मचारी दसवीं पास नहीं हैं और 15 साल से भी ज्यादा समय से काम कर रहा है तो भी उसे नौकरी से हाथ धोना ही होगा। ऐसा ही फैसला चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियनिंग एंड टेक्नोलॉजी में देखने को मिला है। यहां पर काम करने वाले 9 कर्मचारी वर्ष 2002 से काम कर रहे थे। जब उन कर्मचारियों को रखा गया था तो योग्यता आठवीं पास थी। उसके बाद वर्ष 2014 में पर्सोनल डिपार्टमेंट ने निर्णय लिया और योग्यता को दसवीं पास कर दिया। वर्ष 2002 से कर्मचारी ठेकेदार के जरिए काम कर रहे थे। अब अगस्त 2017 में कांट्रेक्टर बदल गया और कांट्रेक्टर ने भर्ती के नियमों को बदलते हुए पुराने कर्मचारियों पर भी दसवीं पास होने का नियम लागू कर दिया। जिसके बाद राजिंद्र, रेहाना, शिवमूरत, शेखर, सुमुन, अनीता और आशा सहित 9 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। कर्मचारियों को पांच महीनों से कांट्रेक्टर ने वेतन नहीं दिया है। वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि कांट्रेक्टर उनके साथ गलत कर रहा है, लेकिन टेक्नीकल एजुकेशन सेक्रेटरी उस पर कोई भी कार्रवाई करने के बजाए चुपचाप बैठा है।

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इस नीति को बदलने की जरूरत : कंबोज

विभाग के फैसले से जहां पर कर्मचारी परेशान हैं। वहीं पर यूटी कैडर एजुकेशन यूनियन ने निर्णय लिया है कि यदि विभाग ने फैसले को जल्द नहीं बदला तो यूनियन 26 जनवरी 2018 को धरना देगी और टेक्नीकल एजुकेशन विभाग का विरोध करेगी। जानकारी देते हुए यूनियन प्रेसिडेंट स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि कांट्रेक्टर के बदलने से नियम नहीं बदलते हैं। यदि ऐसा होता रहा तो हर साल सैकड़ों कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। जो कि सही नहीं है। कंबोज ने मांग की कि चंडीगढ़ प्रशासन को भी इस पर नीति बनाने की जरूरत है।

कर्मचारियों को रखने और निकालने का अधिकार टेक्नीकल एजुकेशन डिपार्टमेंट का है। इसमें कॉलेज अपनी तरफ से कोई निर्णय नहीं ले सकता और न ही कांट्रेक्टर को कोई निर्देश जारी कर सकता है।

विन दुसांज प्रिंसिपल, चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियनिंग एंड टेक्नॉलजी।


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