UT के शिक्षण संस्थाओं की सुरक्षा से खिलवाड़, कई स्कूलों ने नहीं लगाए cctv कैमरे Chandigarh News
शहर के शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा इंतजाम अब भी नाकाफी हैं। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगाए जा सके हैं।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। शहर के शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा इंतजाम अब भी नाकाफी हैं। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगाए जा सके हैं। फिर भी शिक्षा विभाग का दावा है कि 90 फीसद सरकारी स्कूलों में कैमरे लगाए जा चुके हैं।
स्थिति यह है कि जहां कैमरे लगाए गए हैं, वहां भी उनके रखरखाव पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में स्कूलों में लगे कैमरे खराब पड़े हैं। सुरक्षा को लेकर विभाग ने अब तक नहीं बनाई पॉलिसी विभाग द्वारा स्कूलों में सुरक्षा को लेकर न तो कोई पॉलिसी बनाई गई है और न ही किसी दिशा-निर्देश का पालन किया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा सुरक्षा को लेकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
गुरुग्राम के रेयान स्कूल की घटना के बाद मंत्रालय ने दिए थे आदेश
करीब 2 वर्ष पहले गुरुग्राम के रेयान स्कूल में एक बच्चे के साथ दुष्कर्म की वारदात के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के सभी स्कूलों को एक लेटर जारी कर स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल करने का आदेश दिए थे। मगर यूटी के स्कूलों में इस आदेश का पालन करने के मामले में कोताही बरती गई।
एमएचआरडी ने निर्देश में स्कूलों से यह कहा गया था कि प्रत्येक क्लास रूम के बाहर और वॉशरूम के पास सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉल करना अनिवार्य है। कई स्कूल ऐसे हैं जिनके गेट पर तो कैमरे लगे हैं। मगर क्लास रूम और वॉशरूम के पास ऐसे कैमरे इंस्टॉल नहीं किए जा सके हैं।
शिक्षण संस्थानों में हो रही घटनाओं को देखते सुरक्षा के इंतजाम जरूरी
हाल ही में शहर के स्कूलों से कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनकी जांच में कैमरों की कमी खली है। जीएमएचएस-38 डी में स्कूल टीचर द्वारा सातवीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे के दांत तोड़ने का मामला हो या गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-46डी में टीजीटी टीचर द्वारा मिड डे मील वर्कर के साथ छेड़छाड़ या फिर जीएमएचएस-49 में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी द्वारा आठवीं क्लास की लड़की के बैग में लव लेटर डालने का मामला इन सभी मामलों में जांच को लेकर कठिनाई सामने आई है। इसी प्रकार एक अन्य सरकारी स्कूल में टीचर द्वारा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के साथ दुष्कर्म जैसी वारदात भी हुई थी, जिनको देखते हुए स्कूल परिसर और हर क्लास रूम के बाहर सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉल करना जरूरी है।
कई स्कूलों में खराब पड़े हैं कैमरे
शहर के कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां सीसीटीवी कैमरे तो लगे हैं, लेकिन वह लंबे समय से खराब पड़े हैं। उन्हें ठीक करवाने के लिए न तो स्कूल प्रशासन गंभीरता दिखा रहा है और न ही शिक्षा विभाग द्वारा इस बातों का संज्ञान लिया जा रहा है।
वैसे तो 90 प्रतिशत स्कूलों में कैमरे लग चुके हैं। स्कूलों को एक नोटिफिकेशन जारी कर कैमरों की जानकारी ले ली जाएगी। अगर कोई कैमरा खराब है या फिर कैमरे कम लगे हैं तो फिर शिक्षा विभाग उचित कदम उठाएगा। -अल्का मेहता, जिला शिक्षा अधिकारी, चंडीगढ़।