Move to Jagran APP

मजीठिया से पूछताछ करने वाले ईडी के डिप्टी डायरेक्टर निरंजन ने लिया इस्तीफा वापस

करोड़ों के भोला ड्रग्स रैकेट की जांच कर रहे ईडी के डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने पांच अक्टूबर को दिया इस्तीफा एक बार फिर वापस ले लिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 12:12 PM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 12:12 PM (IST)
मजीठिया से पूछताछ करने वाले ईडी के डिप्टी डायरेक्टर निरंजन ने लिया इस्तीफा वापस
मजीठिया से पूछताछ करने वाले ईडी के डिप्टी डायरेक्टर निरंजन ने लिया इस्तीफा वापस

जेएनएन, जालंधर/चंडीगढ़। करोड़ों के भोला ड्रग्स रैकेट की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने पांच अक्टूबर को दिया इस्तीफा एक बार फिर वापस ले लिया है। विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. गिरीश बाली ने पुष्टि करते हुए बताया कि निरंजन सिंह ने इस्तीफा नहीं दिया था, बल्कि उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) मांगी थी।

loksabha election banner

ईडी सूत्रों का कहना है कि डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने दो दिन पूर्व विभाग को एक मेल के माध्यम से आग्रह किया है कि 5 अक्टूबर को उनके द्वारा भेजी गई मेल को कार्रवाई से अलग रखा जाए, वे विभाग में अपनी सेवाएं जारी रखना चाहते हैं। इसकी पुष्टि के लिए डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह को भी देर रात तक कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

उधर, गत दिवस पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान निरंजन सिंह के वकील सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने आरोप लगाया कि ड्रग्स तस्करी के मामले में पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई करने की मंजूरी न मिलने से निराश होकर निरंजन सिंह ने इस्तीफा दिया था।

चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एबी चौधरी की खंडपीठ के सामने केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा निरंजन सिंह पर दबाव बनाए जाने का आरोप लगाते हुए अनुपम ने कहा कि भोला ड्रग्स मामले में भी निरंजन सिंह को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से धमकियां तक दी गई। अदालत में दायर किए गए एक दस्तावेज का जिक्र करते हुए गुप्ता ने कहा कि निरंजन ने यह बात अदालत को बताई थी कि उनके अधीन तैनात किया गया जांच अधिकारी कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ा रहा था। वह लंबे समय से बीमारी के चलते छुट्टी पर हैं।

गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि निरंजन को जांच में सहायता के लिए कोई अधिकारी तक नहीं दिया गया। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि उनके द्वारा की गई जांच के आधार पर न तो कोई संपत्ति जब्त की गई और न ही किसी गवाह की गवाहियां दर्ज की गई।

गुप्ता की टिप्पणियों पर चेतन मित्तल ने किया एतराज

निरंजन के वकील गुप्ता की तरफ से अदालत में की गई सख्त टिप्पणियों पर एतराज जताते हुए असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल चेतन मित्तल ने कहा कि गुप्ता को अदालत में ऐसे विषय उठाने का अधिकार नहीं है। उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे निरंजन सिंह के वकील हैं, डीजीपी सिद्धार्थ उपाध्याय के वकील हैं या इस मामले में एमिकस क्यूरी हैं।

उधर, सुनवाई के दौरान इस मामले में जनहित याचिका दायर करने वाले एडवोकेट नवकिरण सिंह ने निरंजन सिंह के चंडीगढ़ से तबादले की जानकारी अदालत में पेश की। उन्होंने कहा कि निरंजन सिंह द्वारा ड्रग्स तस्करी के मामले में मजीठिया को तलब किए जाने के कुछ ही दिन बाद ईडी ने उन्हें चंडीगढ़ से स्थानांतरित कर दिया था। बाद में हाईकोर्ट ने ही निरंजन सिंह के तबादले के आदेशों पर रोक लगाई थी।

अलग-अलग होगी सुनवाई

चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि अदालत इस विषय पर विचार करेगी। सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अदालत अब ड्रग्स तस्करी से जुड़ी जमानत की याचिकाओं को अलग और अन्य मामलों को अलग दिन पर सुनेगी। हाईकोर्ट ने ड्रग्स से जुड़े आरोपियों की जमानत के लिए 25 अक्टूबर और अन्य मामलों की सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख तय की है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.