ड्राइवर भर्ती मामलाः चंडीगढ़ कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष बोले- रविकांत शर्मा को मेयर पद से बर्खास्त करें प्रशासक
चंडीगढ़ कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि ड्राइवर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी जा रही है। पार्षदों को क्यों दो दो नाम अपनी मर्जी से भेजने का अधिकार दिया गया। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। मामले में मेयर बार बार अपना बयान बदल रहे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ मेयर द्वारा कमिश्नर केके यादव को ड्राइवरों की भर्ती को लेकर नामों की लिस्ट भेजने के आरोप पर राजनीति शुरू हो गई है। अब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि ड्राइवर भर्ती को लेकर मेयर रविकांत शर्मा द्वारा लिस्ट भेजने के मामले में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। लगता है कि कहीं न कहीं लेनदेन हुआ है।
छाबड़ा का आरोप है कि क्यों नहीं भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता रखी जा रही। पार्षदों को क्यों दो दो नाम अपनी मर्जी से भेजने का अधिकार दिया गया। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। उनका कहना है इस मामले में मेयर बार बार अपना बयान बदल रहे हैं। इस से पहले भी जो 112 भर्तियां हुई हैं उसकी भी जांच होनी चाहिए और भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा सामने आ सके।
छाबड़ा का कहना है कि रविकांत शर्मा पर समय समय पर पहले भी आरोप लग चुके हैं। रविकांत शर्मा पर अपने चहेते लोगों को सेक्टर -22 में पार्कों की रखरखाव का ठेका देने का भी आरोप है। रेहड़ी फड़ी वालों से उगाही के इल्जाम भी मेयर पर लग चुके हैं। प्रशासक को जल्द ही मेयर रविकांत शर्मा को मेयर पद से बर्खास्त करना चाहिए और भर्ती घोटाले व अन्य आरोपों की जांच करवाएं।
ड्राइवरों की भर्ती लॉटरी से हो- आप
आप संयोजक प्रेम गर्ग का कहना है कि पार्षदों की सिफारिश पर नगर निगम चंडीगढ़ में ड्राइवरों के पद भरे जा रहे हैं। यदि प्रत्येक पार्षद को नामों की सिफारिश करने के लिए दो पदों का कोटा दिया गया है तो यह चंडीगढ़ के बेरोजगार युवाओं के साथ एक क्रूर मजाक है। शहर में अफवाहें हैं कि इन पदों को भारी रकम लेकर बेचा जा रहा है।
गर्ग ने कहा नगर निगम को पूरी पारदर्शिता से रिक्त स्थानों की भर्ती करनी चाहिए। बेहतर होगा कि सभी योग्य आवेदनों की छानबीन और परीक्षण आदि के बाद रिक्त पदों के लिए सभी आवेदकों की एक सूची बनाई जाए। नियत प्रक्रिया के बाद किसी भी विवाद से बचने के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची से ड्रा निकाला जा सकता था। ये कोई ऐसी नौकरियां नहीं हैं जिसमें बहुत ज़्यादा योग्यता चाहिए। इसलिए इन नौ पदों को भरने के लिए योग्य ड्राइवरों को अधिकारियों या पार्षदों के रहमोकरम पर नहीं छोड़ना चाहिए।