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चंडीगढ़ में डॉ. संगीता चौधरी की बुक 'रविंद्रनाथ टैगोर एंड काजी नजरूल इस्लाम इन सेम इरा' का विमोचन

चंडीगढ़ संगीत नाटक अकेडमी के चेयरमैन बलकार सिद्धू ने कहा कि डॉ. संगीता चौधरी की किताब रविंद्रनाथ टैगोर एंड काजी नजरूल इस्लाम इन सेम इरा पाठकों को इन दोनों महान विभूतियों के बारे में बहुत ही बेहतरीन तरीके से अवगत करने में उपयोगी साबित होगी।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 02:21 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 02:21 PM (IST)
चंडीगढ़ में डॉ. संगीता चौधरी की बुक 'रविंद्रनाथ टैगोर एंड काजी नजरूल इस्लाम इन सेम इरा' का विमोचन
सेक्टर-16 स्थित गांधी स्मारक भवन में किताब का विमोचन किया गया।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। संगीत के क्षेत्र में गुरु रविंद्रनाथ टैगोर और काजी नजरूल इस्लाम का काफी महत्वपूर्ण योगदान है। ना केवल हमारे देश भारत में गुरु रविंद्रनाथ टैगोर का लिखा हुआ राष्ट्रगान गाया जाता है, बल्कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी उन्हीं के द्वारा रचित आमार सोनार बांग्ला को ही कौमी तराने के तौर पर गाया-बजाया जाता है। इसी प्रकार काजी नजरूल इस्लाम ने भी अपनी आग उगलती कविताओं के जरिये आज़ादी की लड़ाई में अहम योगदान दिया।

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डॉ. संगीता चौधरी की नई किताब रविंद्रनाथ टैगोर एंड काजी नजरूल इस्लाम इन सेम इरा (लाइफ एंड वर्क्स ऑफ़ टू जीनियस) पाठकों को इन दोनों महान विभूतियों के बारे में बहुत ही बेहतरीन तरीके से अवगत करने में उपयोगी साबित होगी। यह कहना है चंडीगढ़ संगीत नाटक अकेडमी के चेयरमैन बलकार सिद्धू का। बलकार सिद्धू सेक्टर-16 स्थित गांधी स्मारक भवन में स्वर सप्तक सोसाइटी चंडीगढ़-कोलकाता द्वारा आयोजित डॉ. संगीता लाहा चौधरी की पुस्तक के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित लोगों से मुखातिब थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार व संवाद साहित्य मंच के अध्यक्ष प्रेम विज ने इस अवसर पर कहा कि डॉ. संगीता चौधरी की ये किताब संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी दोनों विद्वान शख्सियतों के बारे में जानने में मददगार साबित होगी। गाँधी स्मारक भवन के निदेशक डॉ. देवराज त्यागी ने कहा कि डॉ. संगीता चौधरी का संगीत क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है व उनकी इस पुस्तक को संगीत के छात्रों का बहुत प्यार हासिल होगा।

डॉ. संगीता चौधरी ने पुस्तक के बारे में बताया कि उनकी ये नई रचना उनके स्वर्गीय माता-पिता विमलेन्दु चौधरी (स्वर सप्तक सोसायटी के संस्थापक) व मंजू चौधरी को समर्पित है। डॉ. संगीता चौधरी, जो स्वर सप्तक सोसायटी की अध्यक्ष भी हैं ने कहा कि संगीत व साहित्य जगत में दोनों महान व्यक्तित्वों गुरु रविंद्रनाथ टैगोर व काजी नजरूल इस्लाम का अद्वितीय योगदान है। इनका आपस में गुरु-शिष्य का रिश्ता था। दोनों ही प्रखर राष्ट्रवादी थे व इनकी रचनाओं ने पूरे देश के जनमानस को प्रभावित किया। डॉ. संगीता चौधरी ने इनकी रचनाओं का अपने मधुर स्वर में गायन भी किया। इस मौके पर डॉ. संगीता चौधरी के शिष्यों सुनीता कौशल, ममता गोयल, अनीता सुरभि, बेगम जरीना गोरसी व सोमेश आदि ने सम्मानित भी किया।         

मंच का संचालन जानी-मानी कवियत्री संगीता शर्मा कुंद्रा ने कुशलतापूर्वक किया। कार्यक्रम के अंत में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए कई जानी मानी हस्तियों को सम्मानित भी किया गया जिनमें आईडी सिंह, सुरजीत पथीजा, सरिता मेहता, विमला गुगलानी, शायदा बानो, डॉ. एमपी डोगरा, विनोद खन्ना, डॉ. अनीस गर्ग, बीडी शर्मा, सुरेंद्र वर्मा, डॉ. विनोद शर्मा, शैली तनेजा आदि शामिल रहे।


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