चंडीगढ़ में लोगों से वसूला जा रहा डबल गारबेज कलेक्शन चार्जेस, सरकारी रेट 100 रुपये, लिए जा रहे 200
चंडीगढ़ में लोगों से डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन चार्जेस वसूल करना किए जा रहे है। लोग ओवरचार्जिंग का आरोप लगा रहे हैं। सरकारी रेट के मुताबिक 100 रुपये प्रति माह चार्जेस हैं लेकिन लोगों से 200 रुपये लेकर रसीद भी काटी जा रही है।
चंडीगढ़, जेएनएन। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन चार्जेस (Door to door garbage collection charges) वसूल करना शुरू कर दिया गया है। नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation) की ओर से पिछले चार माह का शुल्क एक साथ वसूल किया जा रहा है। वहीं, रेजिडेंट्स ओवरचार्जिंग का भी आरोप लगा रहे हैं।
चंडीगढ़ रेजीडेंटस एसोसिएशनस वेलफेयर फेडरेशन (क्राफ्ड) के मुख्य प्रवक्ता डॉ. अनीश गर्ग ने नगर निगम के द्वारा प्रत्येक घर से ली जाने वाली गार्बेज कलेक्शन पर आरोप लगाते हुए इसे धांधली बताया है। उन्होंने कहा कि सेक्टर- 33सी में साढ़े सात मरले के हर घर से 200 रुपये प्रति फ्लोर के हिसाब से पैसे लिए जा रहे हैं। जबकि नगर निगम द्वारा जारी सूचना के अनुसार के 200 गज से नीचे के मकानों में प्रति रसोई/फ्लोर 100 रुपये प्रति महीना शुल्क तय हुआ है।
सेक्टर-33सी के रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान परमपाल सिंह ने बताया कि सेक्टर में नगर निगम की गाड़ी में तैनात कर्मचारी विरोध के बावजूद 200 रुपये चार्ज कर रहे हैं। सेक्टर के सेनेटरी इंस्पेक्टर स्वयं आने की बजाय जबरन 200 रुपये लेकर रसीद दे रहे हैं। संस्था के उपप्रधान सुनीला सतीजा और सचिव दीपक कुमार ने बताया कि नगर निगम के सफाई विभाग के कर्मचारी इस बारे में पूछने पर बहस करते हैं और यही कहते हैं कि हमें ऐसे ही आदेश मिले हैं।
क्राफ्ड चेयरमैन हितेश पुरी ने कहा कि सोमवार को इस संदर्भ में नगर निगम के आयुक्त केके यादव को शिकायत देंगे। मालूम हो कि नगर निगम ने यह चार्जेस लोगों के घरों के पानी के बिल में शामिल करके भेजने का निर्णय लिया है। जो अपने घर और दुकानों का कचरा गारबेज कलेक्टर को नहीं भी देते हैं। उनसे भी शुल्क लिया जाएगा। ऐसे में बढ़े हुए चार्जेस लागू होने से शहरवासियों पर भी हर माह आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। इस समय पूरे शहर में गारबेज कलेक्शन चार्जेस करने की कोई एक नीति नहीं थी। पूरे शहर के अलग अलग कैटेगरी के लिए नगर निगम ने गारबेज कलेक्शन चार्जेस के रेट साल 2018 में ही तय कर लिए थे। जबकि लोग इस बात का भी विरोध कर रहे हैं। नगर निगम की ओर से डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड से भुगतान लिया जा रहा है। नगर निगम का कहना है कि अगर कोई चेक देना चाहे तो वह इससे भी भुगतान कर सकता है लेकिन भुगतान कैशलेस ही करना होगा।